शरीर के अंदर जाकर संक्रमण फैलाता है फ्लैश ईटिंग बैक्टीरिया, किन लोगों को बनाता है शिकार
फ्लैश ईटिंग बैक्टीरिया (जिसे Necrotizing Fasciitis कहा जाता है) एक खतरनाक बैक्टीरिया है जो शरीर के अंदर जाकर त्वचा के नीचे स्थित टिश्यू (फैसिया) को प्रभावित करता है। यह बैक्टीरिया त्वरित रूप से फैलता है और शरीर के विभिन्न हिस्सों में गंभीर संक्रमण उत्पन्न कर सकता है।
यह बैक्टीरिया किस प्रकार काम करता है?
यह बैक्टीरिया शरीर के अंदर जाकर त्वचा, मांसपेशियों, और आंतरिक अंगों को संक्रमित करता है, जिससे उन क्षेत्रों में कोशिकाओं की मृत्यु होती है। इसलिए इसे “फ्लैश ईटिंग बैक्टीरिया” कहा जाता है, क्योंकि यह त्वचा और अंगों को बहुत तेजी से नष्ट करता है।
किन लोगों को बनाता है शिकार?
- मोटापे से ग्रस्त लोग: मोटे लोगों में यह संक्रमण ज्यादा होता है, क्योंकि उनके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है, जिससे बैक्टीरिया आसानी से फैल सकता है।
- डायबिटीज के रोगी: डायबिटीज के मरीजों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, जिससे बैक्टीरिया संक्रमण का शिकार हो सकता है।
- शराब का सेवन करने वाले लोग: शराब पीने से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली प्रभावित हो सकती है, जिससे इस बैक्टीरिया के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
- जो लोग गहरे कट या घाव से जूझ रहे होते हैं: यह बैक्टीरिया अक्सर खुले घाव या चोट के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है।
लक्षण और संकेत:
- अचानक दर्द और सूजन का आना।
- प्रभावित क्षेत्र में लालिमा या कालापन।
- तेज बुखार और कमजोरी महसूस होना।
- त्वचा पर फफोले या घाव का बनना।
- प्रभावित क्षेत्र में बदबू आना।
इलाज:
- एंटीबायोटिक्स: प्रारंभिक चरण में बैक्टीरिया को नियंत्रित करने के लिए शक्तिशाली एंटीबायोटिक्स दिए जाते हैं।
- सर्जरी: यदि टिश्यू में क्षति ज्यादा होती है, तो संक्रमित टिश्यू को हटाने के लिए सर्जरी की जाती है।
- वेंटिलेशन और सर्जिकल ड्रेनेज: कभी-कभी संक्रमण के बढ़ने से शरीर के अंदर दबाव बनता है, जिसे वेंटिलेशन और ड्रेनेज के जरिए कम किया जाता है।
फ्लैश ईटिंग बैक्टीरिया बेहद खतरनाक हो सकता है, लेकिन जल्दी पहचान और इलाज से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। अगर आपको या आपके जानने वालों में इसके लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।