Hapur News- नाबालिग से दुष्कर्म करने के दोषी को बीस वर्ष के कारावास की सजा
हापुड़। अपर जिला जज एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म करने के मामले में बृहस्पतिवार को निर्णय सुनाया। कोर्ट ने मामले के आरोपी को दुष्कर्म का दोषी करार देते हुए दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोषी पर पंद्रह हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
कोतवाली गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। जिसमें उसने कहा कि सात जनवरी 2018 की रात को परिवार के सभी सदस्य अलग-अलग कमरों में सोये थे। रात्रि करीब दो बजे नितिन उर्फ पतराम बाल्मीकि पुत्र मनोज मेरी 17 वर्षीय नाबालिग पुत्री के पास आया और सोती हुई मेरी पुत्री दबोच लिया। इसके बाद आरोपी ने मेरी नाबालिग पुत्री के साथ दुष्कर्म किया। पुत्री के शोर मचाने पर परिजन नींद से जाग गए और मौके ही तरफ दौड़े। आरोपी नितिन मौके से भाग गया।
पुलिस ने आरोपी नितिन के खिलाफ पॉक्सो व दुष्कर्म की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की। पुलिस ने मामले में कार्रवाई कर आरोपी नितिन को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने मामले के आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया। मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कोर्ट में चल रही थी।
न्यायाधीश उमाकांत जिंदल ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मामले में निर्णय सुनाया। जिसमें न्यायाधीश उमाकांत जिंदल ने आरोपी नितिन को दुष्कर्म का दोषी करार देते हुए दस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दोषी पर पंद्रह हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। अर्थदंड अदा न करने पर दोषी को डेढ़ माह का अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
पीड़िता को 50 हजार रुपये देने के आदेश
साथ ही न्यायाधीश उमाकांत जिंदल ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पीड़िता को पुनर्वास के लिए पचास हजार रुपये की प्रतिकार धनराशि देने के भी आदेश किए है। साथ ही आदेश में यह भी कहा है कि प्राधिकरण के पास प्रतिकार की धनराशि देने के लिए फंड न होने पर जिलाधिकारी राज्य सरकार से उक्त धनराशि प्राप्त कर एक माह के अंदर पीड़िता को दे।