
देव दिवाली, जिसे कार्तिक पूर्णिमा भी कहा जाता है
देव दिवाली, जिसे कार्तिक पूर्णिमा भी कहा जाता है, भगवान शिव और अन्य देवी-देवताओं की पूजा के लिए खास मानी जाती है। इस दिन का विशेष महत्व काशी (वाराणसी) में है, जहां गंगा नदी के घाटों पर दीप जलाए जाते हैं और देवताओं का स्वागत किया जाता है। देव दिवाली की पूजा विधि और समय निम्नलिखित है:
पूजा विधि:
1. स्नान एवं शुद्धिकरण: प्रातःकाल गंगा स्नान या घर पर ही स्नान कर शुद्ध हो जाएं। यदि संभव हो तो गंगा जल से स्नान करें।
2. दीप जलाना: घर के मंदिर, आंगन, और विशेषकर तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाएं। यदि संभव हो तो गंगा के किनारे जाकर दीपदान करें।
3. भगवान शिव की पूजा: भगवान शिव के साथ अन्य देवी-देवताओं की पूजा करें। शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, फूल, और बेलपत्र अर्पित करें।
4. लक्ष्मी-गणेश पूजा: धन-समृद्धि के लिए भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करें। दीप जलाकर इनकी आराधना कर…
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