
देव दिवाली कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है।
देव दिवाली कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इसे देव दीपावली या देव दिवाली के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान शिव, अन्य देवताओं, और पवित्र नदियों की विशेष पूजा की जाती है। देव दिवाली का महत्व है कि इसे देवताओं की दिवाली कहा जाता है, जो इस दिन धरती पर आकर दीपोत्सव मनाते हैं।
1. देवताओं का स्वागत: मान्यता है कि इस दिन देवता धरती पर आते हैं और काशी में गंगा नदी के तट पर दीप जलाकर उनका स्वागत किया जाता है।
2. त्रिपुरासुर का वध: देव दिवाली को भगवान शिव द्वारा त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस दिन को शिवजी की विजय के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।
3. पुण्य अवसर: देव दिवाली पर गंगा स्नान, दीपदान और भगवान का पूजन विशेष पुण्यदायी माना जाता है।
4. काशी का दीपोत्सव: वाराणसी में इस दिन गंगा के घाटों पर दीप जलाए…
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