(www.hapurhulchul.com) मेरठ | 2 जून को मतदान खत्म होने के साथ ही आने शुरू हुए एग्जिट पोल के आंकड़ों की विश्वसनीयता पर विपक्ष ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं | तमाम मीडिया संस्थानों की ओर से कराए गए सर्वे में एनडीए एक बार फिर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाती दिख रही है | पीएम नरेंद्र मोदी बड़ी ताकत के साथ तीसरी बार सत्ता में वापसी करते दिख रहे हैं | हालांकि इन आंकड़ों की विश्वसनीयता को लेकर संतुष्ट नहीं है |
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आप जिलाध्यक्ष अंकुश चौधरी ने कहा (AAP District President Ankush Chaudhary said)
आज यहां समाजवादी पार्टी कार्यालय पर इंडिया गठबंधन की संयुक्त प्रेस वार्ता में आम आदमी पार्टी मेरठ के जिलाध्यक्ष अंकुश चौधरी, समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष विपिन चौधरी, आम आदमी पार्टी महानगर अध्यक्ष अंकित गिरी ने कहा कि एग्जिट पोल्स से चिंतित होने की जरुरत नहीं है | आप जिलाध्यक्ष अंकुश चौधरी ने कहा यह नरेंद्र मोदी और अमित शाह के दफ्तर में बैठकर बनाया गया एग्जिट पोल है | एग्जिट पोल के अनुसार 34% वोट बीजेपी को तमिलनाडु में मिलती बताई जा रही है, पंजाब में AAP को 0/2 और बीजेपी को 0/4 सीट, दिल्ली में बीजेपी को 54% वोट एग्जिट पोल के अनुसार बताई गई यह सिर्फ और सिर्फ बीजेपी का भ्रामक प्रचार है |
चुनाव में एग्जिट पोल में (In exit polls)
याद करिए पश्चिम बंगाल में 2021 के चुनाव में एग्जिट पोल में बीजेपी जीत गई थी एक्सेस माय इंडिया ने 160 सीट लाकर सरकार बना दी लेकिन बीजेपी की आई 77 सीट | 2022 पंजाब चुनाव में एग्जिट पोल में 50 सीट AAP को मिल रही थी आई 92 सीट |
सबसे अहम सवाल यह एग्जिट पोल कब हुआ जब 6% कम अकड़ा था या 11 दिन बाद जब चुनाव आयोग ने मत प्रतिशत के आंकड़ों को बढ़ाकर बताया |
जिस तरीके से चंडीगढ़ में (The way in Chandigarh)
यह सवाल बार-बार जनता पूछ रही है 140 करोड लोगो में एग्जिट पोल का सैंपल साइज कितना था सर्वे ग्रामीण अंचल में किया, किस ऐज और कास्ट के लोगों के बीच में किया भारतीय जनता पार्टी ने जिस तरीके से चंडीगढ़ में लोकतंत्र की हत्या कर मताधिकार को लूटने का काम किया था | वह अब हम होने नहीं देंगे देश के गृहमंत्री अमित शाह जी लगातार जिलाधिकारीयो को फोन कर रहे हैं देश के सर्वोच्च न्यायालय और देश की जनता की नजर काउंटिंग पर है | हम तमाम लोग लोकतंत्र को बचाने के लिए संविधान को बचाने के लिए पूरी मुस्तैदी के साथ खड़े हैं इस बार चंडीगढ़ मेयर चुनाव की तरह अनिल मसीह जैसे लोग लोकतंत्र की हत्या नहीं कर पाएंगे |
सवाददाता हिमांशु वर्मा की खास रिपोर्ट
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