UP: यूपी रोडवेज के चालकों के लिए आया नया आदेश, अब 400 किमी प्रतिदिन चलानी
Krishan Sharma
December 4, 2024
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UP news-यूपी रोडवेज के चालकों के लिए आया नया आदेश, अब 400 किमी प्रतिदिन चलानी होगी बस; नहीं तो जाएगी नौकरी
यूपी रोडवेज द्वारा चालकों के लिए नया नियम लागू करना एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य आय बढ़ाना और संचालन में सुधार करना है। हालांकि, इस निर्णय ने चालक-परिचालकों के लिए नई चुनौतियां भी पैदा कर दी हैं।
मुख्य बिंदु:
- 400 किमी प्रतिदिन की अनिवार्यता:
- बड़े रूटों पर बसों को अब प्रतिदिन कम से कम 400 किलोमीटर और छोटे रूटों पर 270 किलोमीटर चलाने का निर्देश दिया गया है।
- यह कदम रोडवेज की आय बढ़ाने और संचालन को अधिक प्रभावी बनाने के लिए उठाया गया है।
- आय बढ़ाने का प्रयास:
- डिपो को प्रतिदिन 22.50 लाख रुपये की आय का लक्ष्य दिया गया है, जबकि वर्तमान में यह केवल 20 लाख रुपये है।
- लक्ष्य को पूरा करने के लिए बसों के संचालन की दूरी और चालक-परिचालकों की जिम्मेदारी बढ़ा दी गई है।
- चालकों और परिचालकों पर दबाव:
- पहले बसें 230-310 किलोमीटर तक ही चलती थीं, लेकिन अब चालकों को लंबी दूरी तय करनी होगी।
- बिना टिकट यात्री मिलने पर परिचालकों पर कड़ी कार्रवाई होगी, और टिकट नहीं देने पर निलंबन का खतरा है।
- प्रबंधन का दृष्टिकोण:
- अधिकारियों का कहना है कि यह बदलाव रोडवेज को घाटे से उबारने और सेवा में सुधार लाने के लिए जरूरी है।
- लेकिन यह भी सुनिश्चित करना होगा कि इस फैसले से चालकों और परिचालकों की कार्यशैली पर अत्यधिक नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
संभावित चुनौतियां:
- चालकों की थकान और सुरक्षा:
- लंबे समय तक ड्राइविंग करने से चालकों की थकान बढ़ेगी, जिससे सड़क पर दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ सकती है।
- यात्री सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ड्राइविंग घंटे के लिए संतुलित नियम लागू करना जरूरी है।
- प्रबंधन और कर्मचारियों के बीच विवाद:
- नए नियमों से चालकों और परिचालकों में असंतोष फैल सकता है।
- कर्मचारी यूनियनों के विरोध का खतरा भी हो सकता है।
- प्रभावित सेवाएं:
- दबाव के चलते यदि चालक काम छोड़ते हैं या हड़ताल पर जाते हैं, तो यात्रियों को असुविधा होगी।
सुझाव:
- ड्राइविंग घंटे की सीमा:
- 400 किलोमीटर की अनिवार्यता के साथ चालक की थकान और स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाना चाहिए।
- प्रति शिफ्ट ड्राइविंग घंटे सीमित करने का प्रावधान हो।
- प्रोत्साहन योजना:
- बेहतर प्रदर्शन करने वाले चालकों और परिचालकों को प्रोत्साहन देना चाहिए, जिससे उनकी उत्पादकता बढ़े।
- प्रशिक्षण और संवाद:
- चालकों और परिचालकों को इस फैसले के पीछे की वजह समझाने और समर्थन पाने के लिए नियमित संवाद किया जाए।
- नई परिस्थितियों में काम करने के लिए उन्हें प्रशिक्षण दिया जाए।
निष्कर्ष:
यूपी रोडवेज का यह कदम यदि सही तरीके से लागू किया गया तो इससे आय और सेवाओं में सुधार हो सकता है। लेकिन चालकों और परिचालकों की समस्याओं को समझकर समाधान निकालना और यात्री सुरक्षा सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है।
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