सिंभावली में चीनी मिल चालू नहीं होने के कारण किसान क्रेशरों पर डाल रहे गन्ना
Sugar mill is not operational, farmers are putting sugarcane on crushers
सिंभावली चीनी मिल का पेराई सत्र चालू होने की तारीख तय न होने से किसानों में बेचैनी बढ़ रही है
वहीं पिछले साल का भुगतान न होने से किसानों का आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है। वहीं किसानों ने खेतों में खड़ा गन्ना कम दामों में क्रेशरों पर डालना शुरू कर दिया है।
सिंभावली चीनी मिल पर अभी भी पिछले पेराई सत्र का करीब 166 करोड़ रुपया गन्ना भुगतान बाकी है। मिल से भुगतान न मिल पाने के चलते क्षेत्रीय किसान आर्थिक तंगी से घिरे हुए हैं।
इसके चलते गन्ना किसानों को ऋणों की अदायगी समेत घरेलू खर्च के लिए सस्ते रेट में कोल्हू क्रेशरों पर गन्ना बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है।
पिछले साल चीनी मिल का पेराई सत्र दो नवंबर को शुरू हुआ था। लेकिन चीनी मिल द्वारा अभी कोई तैयारी शुरू नहीं की गई है
इससे किसानों को इस बार भी पेराई सत्र देरी से चालू होने का खतरा मंडरा रहा है। किसानों का कहना है
कि मिल चालू न होने पर कोल्हू-क्रेशरों पर महज 220 से 250 रुपये क्विंटल की दर से गन्ना बेचना मजबूरी बनी हुई है, जिससे मुनाफा तो दूर बल्कि लागत तक वापिस नहीं मिल पा रही है।
मिल के पेराई सत्र को आरंभ करने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। अक्तूबर के अंतिम सप्ताह में पेराई सत्र चालू करा दिया जाएगा
इसके अलावा किसानों को बकाया गन्ना भुगतान भी लगातार किया जा रहा। करन सिंह, सीजीएम, चीनी मिल
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