वास्तु दोष क्या होता है और कौन कौन से दोष होते है
What is Vastu defect and what are the defects
“वास्तु दोष” (Vastu Dosh) एक शास्त्रीय वास्तु विज्ञान में उपयुक्त वास्तुशास्त्रीय नियमों का पालन नहीं करने के कारण उत्पन्न होने वाले आनुषंगिक दोषों को कहते हैं। यह दोष वास्तु विज्ञान में नकारात्मक ऊर्जाओं का परिणाम माने जाते हैं जो घर, ऑफिस, व्यापार स्थल आदि में व्यक्ति के जीवन में समस्याएँ उत्पन्न कर सकते हैं।
कुछ सामान्य वास्तु दोषों में शामिल हो सकते हैं:
ब्रह्मस्थान दोष: यह दोष घर या बिल्डिंग के केंद्र में स्थित खाली स्थान (ब्रह्मस्थान) में उत्पन्न होता है, जिससे वातावरण में नकारात्मक ऊर्जाएँ बढ़ सकती हैं।
दक्षिण-पश्चिम दोष: यह दोष घर या स्थल की दक्षिण-पश्चिम दिशा में किसी नकारात्मक या अवांछनीय वस्तु की स्थिति के कारण उत्पन्न हो सकता है।
नैरृत्य दोष: यह दोष घर की उत्तर-पूर्व दिशा में किसी नकारात्मक वस्तु के कारण उत्पन्न हो सकता है, जिससे व्यक्ति के सामाजिक और आर्थिक प्रतिष्ठान में समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
विदिक दोष: यह दोष घर की उत्तर-पश्चिम दिशा में किसी नकारात्मक या अवांछनीय वस्तु के कारण उत्पन्न हो सकता है, जिससे व्यक्ति के जीवन में शिक्षा और बच्चों के साथ सम्बंध में समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
वास्तु दोष का समाधान करने के लिए विभिन्न उपायों का पालन किया जा सकता है, जैसे कि यंत्र, पूजा, मांगलिक पूजा, आदि। यह समाधान व्यक्ति के आवश्यकताओं और स्थिति के आधार पर किया जाता है।