

महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में हुए भगदड़ हादसे में हिस्सा रहे रवि चौधरी ने जो अनुभव साझा किया, वह बहुत ही डरावना था। उन्होंने नजदीक से देखा कि कैसे एक छोटी सी घटना ने एक विशाल भगदड़ का रूप ले लिया, और उस समय यह लगा कि उनकी जान भी जा सकती थी।
ऐसी घटनाएं समाज में भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा प्रबंधों की अहमियत को और बढ़ा देती हैं, खासकर धार्मिक आयोजनों में, जहां भारी संख्या में श्रद्धालु एकत्र होते हैं। हादसे के बाद प्रशासन ने तुरंत सेक्टर 20 में रेलिंग को ठीक करने की कोशिश की, लेकिन तब तक भगदड़ मच चुकी थी। इस प्रकार की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए आयोजन स्थल पर सुरक्षा उपायों को और अधिक सख्त किया जाना चाहिए।
रवि चौधरी के अनुभव से यह भी साफ होता है कि ऐसे कार्यक्रमों में भाग लेते समय जागरूकता और सुरक्षा की आवश्यकता कितनी महत्वपूर्ण होती है। क्या आप इस हादसे के बाद महाकुंभ या अन्य बड़े धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा व्यवस्थाओं पर कुछ विचार साझा करना चाहेंगे?