

महाकुंभ में हुई भगदड़ की घटना के बाद, उत्तर प्रदेश सरकार ने तुरंत कार्रवाई की है और मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह तथा डीजीपी प्रशांत कुमार को घटनास्थल पर जाकर कारणों की जांच करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना के कारणों का पता लगाने के लिए एक तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग गठित करने का आदेश दिया है। इस आयोग में सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति हर्ष कुमार के नेतृत्व में एक गहन जांच होगी, जो एक माह में अपनी रिपोर्ट पेश करेगा।
इस हादसे में 30 लोगों की मौत और कई अन्य लोग घायल हुए हैं, और मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवारों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। इसके साथ ही, सीएम ने प्रशासन की तैयारी और व्यवस्था पर भी सवाल उठाया है, खासकर भारी भीड़ को संभालने में आई समस्याओं को लेकर।
घटना के बाद, सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि इस तरह की दुर्घटनाओं से बचने के लिए भविष्य में और बेहतर व्यवस्था की जाए, और एक विस्तृत जांच की जाएगी ताकि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
यह हादसा न केवल सुरक्षा व्यवस्था के संदर्भ में एक कड़ी चेतावनी है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भले ही सख्त सुरक्षा उपाय किए गए थे, भारी संख्या में श्रद्धालुओं की मौजूदगी और आपसी संघर्ष ने स्थिति को असंभाव्य बना दिया। क्या आपको लगता है कि इस घटना के बाद सरकार की जांच और उपायों से भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचाव हो पाएगा?