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July 26, 2025
घटना मेजा के बेदौली गांव की आदिवासी बस्ती की है, जहां अधिकतर लोग ईंट भट्ठे या मनरेगा में मजदूरी करते हैं। बस्ती के पास ही संचालित ईंट भट्ठे की मिट्टी खुदाई से एक गहरा गड्ढा बना हुआ था, जो हालिया बारिश में पानी से भर गया था।
मंगलवार दोपहर लगभग 3 बजे जब बस्ती के लोग मनरेगा में काम के लिए चले गए, तभी बच्चों ने घर से बाहर खेलना शुरू किया। शाम 5 बजे जब परिजन लौटे, तो पता चला कि चार बच्चे —
हुनर (5) पुत्र हीरा आदिवासी
वैष्णवी (3) पुत्री हीरा आदिवासी
खेसारी लाल (5) पुत्र संजय आदिवासी
कान्हा (5) पुत्र विमल आदिवासी
— घर से लापता हैं।
परिजनों ने रातभर बच्चों को खोजा, लेकिन बुधवार सुबह बच्चों की लाशें घर से कुछ ही दूरी पर पानी भरे गड्ढे में मिलीं।
सूचना मिलते ही एसीपी मेजा एसपी उपाध्याय और मेजा थाना प्रभारी राजेश उपाध्याय मौके पर पहुंचे। बच्चों के शवों को सीएचसी रामनगर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
ग्रामीणों का आरोप है कि ईंट भट्ठा संचालक द्वारा मिट्टी निकालने के बाद गड्ढे को बिना भरे छोड़ दिया गया, जिससे यह हादसा हुआ।
प्रशासन पर लापरवाही बरतने और पूर्व में चेतावनी के बावजूद कार्रवाई न करने के भी आरोप लगे हैं।
चार बच्चों की एक साथ मौत से पूरा गांव गमगीन है। पीड़ित परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल है। स्थानीय लोग गड्ढों को भरवाने और भट्ठा संचालक पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
यह घटना प्रशासनिक उदासीनता और औद्योगिक लापरवाही का प्रतीक बन गई है। जब तक स्थानीय स्तर पर ऐसे असुरक्षित स्थलों की पहचान कर समय रहते कार्रवाई नहीं होगी, तब तक मासूमों की जान यूं ही जाती रहेगी।