
हापुड़।
राज्य सरकार द्वारा विद्युत विभाग के निजीकरण की संभावित प्रक्रिया के विरोध में बुधवार को हापुड़ में बिजली विभाग के कर्मचारियों ने जोरदार प्रदर्शन किया।
अधीक्षण अभियंता कार्यालय परिसर में धरना देकर कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और चेतावनी दी कि यदि सरकार ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो आगे उग्र आंदोलन किया जाएगा।
प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि सरकार जनहित के नाम पर निजीकरण को जबरन थोपने की कोशिश कर रही है, जो जनविरोधी और कर्मचारी विरोधी है।
एक कर्मचारी नेता ने कहा, “निजीकरण से न तो उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, न ही कर्मचारियों को सुरक्षा। यह सिर्फ मुनाफा कमाने की योजना है।“
धरना प्रदर्शन शांतिपूर्वक तरीके से आयोजित किया गया, जिसमें सैकड़ों की संख्या में विद्युत विभाग के अधिकारी, तकनीकी कर्मचारी व संविदा कर्मी शामिल हुए।
कर्मचारियों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने विद्युत विभाग के निजीकरण संबंधी निर्णय को वापस नहीं लिया, तो आने वाले दिनों में वे राज्यव्यापी आंदोलन करेंगे और काम बंद हड़ताल तक का रास्ता अपनाया जाएगा।
निजीकरण एक गंभीर नीति निर्णय है, लेकिन इससे पहले सम्बंधित विभागों के कर्मचारियों और विशेषज्ञों से समुचित संवाद और पारदर्शिता आवश्यक है। सार्वजनिक सेवा में कार्यरत कर्मचारियों की आशंकाओं और अधिकारों की अनदेखी, व्यवस्था को कमजोर कर सकती है।