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April 14, 2025
अमृत स्नान कर भारतीय व सनातन संस्कृति के प्रति अपनी अटूट आस्था का परिचय दिया और गंगा किनारे कई घंटे उपवास रखा।
जनपद हापुड़ के पौराणिक तीर्थस्थल गढ़मुक्तेश्वर के अंतर्गत बृजघाट गंगा स्नान की मान्यता चिरकाल से चली आ रही है और यह तीर्थस्थल दिल्ली से मुरादाबाद मार्ग पर 65 किमी दूर स्थित है।
मोनी अमावस्या पर स्रान हेतु श्रद्धालुओं का सैलाब एक दिन पहले मंगलवार को ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, राजस्था न से उमड़ पड़ा और बृजघाट पर ठहराव स्थल फुल हो गए। बुधवार की भोर में श्रद्धालुओं ने गंगा में डूबकी लगाई और मां गंगा का पूजन कर सुख-समृद्धि की कामना की। श्रद्धालुओं ने गरीबों को भोजन कराया और दान दिया। श्रद्धालुओं ने गंगातट पर बैठकर कई-कई घटों का मौन व्रत रखा।
मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर स्रान-दान के साथ पितरों को प्रसन्न करने और उनकी आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान, अन्न, वस्त्र, धन दान का विशिष्ट महत्व है। इस दिन गरीबों और जरुरतमंदों की मदद करने से सुख-समृद्धि बढ़ती है। गोदान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन काला तिल दिन करने से गृह दोष का निवारण होता है।