Ghaziabad news- 30 साल बाद घर लौटा ‘राजू’ निकला पहेली, दो राज्यों की पुलिस जांच में उलझी
Ghaziabad news- 30 साल बाद घर लौटा ‘राजू’ निकला पहेली, दो राज्यों की पुलिस जांच में उलझी
गाजियाबाद में एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां 30 साल बाद अपने परिवार के पास लौटा युवक, जिसने खुद को राजू उर्फ भीम सिंह बताया, एक नई उलझन का कारण बन गया है। वह युवक पहले देहरादून में 16 साल से लापता मोनू शर्मा के रूप में रह चुका था। यह जानकर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की पुलिस दोनों असमंजस में हैं और उसकी असल पहचान की गुत्थी सुलझाने में जुटी हुई हैं।
राजू का दावा और कहानी
राजू ने गाजियाबाद पुलिस को बताया कि 30 साल पहले उसका अपहरण एक ट्रक चालक ने कर लिया था। उसे जैसलमेर के एक गांव में बंधक बनाकर भेड़-बकरियां चराने के लिए मजबूर किया गया। वहां उसे बेड़ियों में बांधकर रखा जाता था। हाल ही में एक ट्रक चालक ने उसे बंधन से मुक्त कराया और दिल्ली लाकर छोड़ दिया।
24 नवंबर को राजू खोड़ा थाने पहुंचा, जहां उसके परिवार ने उसे सिर पर बचपन के निशान और सीने पर तिल से पहचान लिया। परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा, लेकिन मामला तब पेचीदा हो गया, जब पता चला कि यह युवक पांच महीने पहले देहरादून में कपिल शर्मा के घर 16 साल से गायब उनके बेटे मोनू बनकर रह रहा था।
पुलिस की जांच और डीएनए टेस्ट की तैयारी
गाजियाबाद और देहरादून पुलिस दोनों युवक की पहचान सुनिश्चित करने में जुटी हैं। डीएनए परीक्षण के जरिए ही तय किया जा सकेगा कि युवक वास्तव में किस परिवार का सदस्य है।
- देहरादून में कहानी:
देहरादून में युवक ने कपिल शर्मा और उनकी पत्नी को बताया था कि उसे भी ट्रक चालक ने बंधक बनाया था। वह वहां चार महीने तक रहा और 21 नवंबर को नौकरी की बात कहकर घर से निकल गया। - गाजियाबाद में घटनाक्रम:
खोड़ा में तुलेराम और लीलावती ने उसे अपना बेटा मान लिया। लेकिन शुक्रवार रात युवक ने उनके घर से भागने की कोशिश की, जिससे पुलिस को शक हुआ कि वह किसी ठगी गिरोह से जुड़ा हो सकता है।
आपराधिक इतिहास का पता नहीं
पुलिस ने युवक का आपराधिक इतिहास खंगालने के लिए फोटो का इस्तेमाल किया, लेकिन कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। उसका मोबाइल फोन देहरादून की मंडी में पाया गया, जिससे उसके बारे में और जानकारी जुटाई जा रही है।
पुलिस का बयान
सहायक पुलिस आयुक्त रजनीश उपाध्याय ने बताया कि युवक का व्यवहार संदिग्ध है। वह देहरादून में रहने की बात स्वीकार कर रहा है, लेकिन बाकी जानकारी देने से इनकार कर रहा है।
आगे की कार्रवाई
पुलिस का कहना है कि युवक की असली पहचान और उसकी मंशा का पता लगाने के लिए गहन जांच की जा रही है। डीएनए परीक्षण और पूछताछ से ही राजू और मोनू की इस पहेली को सुलझाया जा सकेगा।