(www.hapurhulchul.com) आज के समय में खेती-बाड़ी एक अच्छे सोर्स ऑफ इनकम के तौर पर देखा जा रहा है | आपने ऐसे कई लोगों को देखा होगा जो मल्टीनेशनल कंपनी में लाखों की नौकरी छोड़कर अपने खेतो पर काम कर रहे है और अच्छी कमाई भी कर रहे हैं | केरल के मन्नार के रहने वाले समीर चार साल पहले संयोग से धान की खेती में आ गए | आज वे एक सफल किसान हैं और उन्होंने खेती-बाड़ी में अच्छा मुकाम हासिल कर लिया है |
https://hapurhulchul.com/?p=18151
इसमें सफलता मिलने के बाद उन्होंने (After getting success in this, he)
उन्होंने 2019 में चेंगन्नूर के पास ग्रामम में 20 एकड़ जमीन लीज पर ली और धान उगाना शुरू किया | इसमें सफलता मिलने के बाद उन्होंने अपनी अच्छी सैलरी वाली आईटी की जॉब छोड़ दी और धान की खेती करते रहने का मन बनाया | उन्होंने खेती का विस्तार किया और पहले 60 एकड़ में और बाद में 320 एकड़ में खेती की | उन्होंने हाल ही में अपना पोक्कली चावल ब्रांड ‘ग्रामम’ लॉन्च किया है और संयुक्त अरब अमीरात को ‘पुट्टुपोडी’ का निर्यात कर रहे हैं |
2019 में जब वह अपना (In 2019 when he)
मैंने दस साल से ज्यादा समय तक आईटी क्षेत्र में काम किया है, जिसमें सऊदी अरब में एक आईटी मैनेजर के रूप में भी काम किया है | धान की खेती से उनका नाता तब शुरू हुआ जब उन्होंने ग्रामम में एक धान के खेत को देखा | 2019 में जब वह अपना खेत देखने गया तो उसका बिज़नेस अच्छा खासा चल रहा था | पास में ही एक खेत खाली पड़ा था, जिसने मेरा ध्यान खींचा लिया | मैंने जमीन को लीज पर लिया और आईटी क्षेत्र में काम करते हुए एक्सपेरिमेंट के तौर पर धान की खेती की |
अच्छी पैदावार होने के बाद उन्होंने (After getting a good harvest he)
अच्छी पैदावार होने के बाद उन्होंने 2020 में खेती का विस्तार 60 एकड़ तक कर लिया, जिसे कुछ हद तक कोविड-19 के फैलने ने भी प्रेरित किया | असफलता के बावजूद भी उन्होंने हार नहीं मानी और धान की खेती का और भी विस्तार किया | जब 60 एकड़ में खेती बाढ़ से प्रभावित हुई तो समीर ने गतिविधियों को चेरथला के पास पत्तनक्कड़ में स्थानांतरित कर दिया | समीर कहते हैं कि “उस समय कृषि मंत्री वी.एस सुनील कुमार ने मुझे पत्तनक्कड़ में जमीन ढूंढने और वहां खेती स्थानांतरित करने में मदद की | मैंने लीज पर ली गई 120 एकड़ जमीन से शुरुआत की, जिसे अब बढ़ाकर 320 एकड़ कर दिया गया है | ” वह एक एकड़ से लगभग 20,000 रुपये का मुनाफा कमाते हैं | वह साल में दो बार धान की खेती करते हैं, जिसमें जून-अक्टूबर सीजन प्रमुख होता है |
http://UC5fXxdCBTyC59aixNKrAc3g
[banner id="981"]