
1 अगस्त से UPI यूज़र्स के लिए बदल जाएंगे ये नियम, जानिए कैसे पड़ेगा असर
NPCI (National Payments Corporation of India) — जो भारत में UPI पेमेंट सिस्टम को संचालित करता है।
अभी तक आप बिना किसी रोकटोक के अपने बैंक अकाउंट का बैलेंस UPI ऐप से चेक कर सकते थे।
1 अगस्त 2025 से यह बार-बार नहीं कर पाएंगे।
हर दिन बैलेंस चेक करने की एक सीमा तय की जा रही है (जैसे प्रति दिन 5 बार या कुछ समयांतराल के बाद ही)।
यह इसलिए ताकि NPCI के API पर लोड कम हो और सिस्टम स्लो या डाउन न हो।
आपने कई बार बिजली, नेटफ्लिक्स, या EMI जैसे बिलों के लिए AutoPay सेट कर रखा होता है।
नया API सिस्टम यह सुनिश्चित करेगा कि सिर्फ असली और वेरिफाइड AutoPay रिक्वेस्ट ही सफल हों।
फर्जी या बार-बार फेल हो रही रिक्वेस्ट्स को ब्लॉक किया जाएगा।
NPCI के अनुसार, बार-बार की गई बैलेंस चेकिंग और डुप्लीकेट रिक्वेस्ट्स से सर्वर पर भारी बोझ पड़ता है।
इससे कई बार UPI फेल हो जाता है या ट्रांजैक्शन में देरी होती है।
इस टेक्निकल बदलाव से लेनदेन की स्पीड और सफलता दर दोनों बेहतर होगी।
जिन लोग UPI से बार-बार बैलेंस चेक करते हैं,
जिनके पास ऑटो-डेबिट एक्टिव है,
और फ्रीक्वेंट ट्रांजैक्शन करने वाले व्यापारी/बिजनेस यूजर्स।
अपनी ऐप्स को अपडेट रखें।
बैलेंस बार-बार चेक करने की जरूरत न हो, इसलिए खर्च की प्लानिंग करें।
अगर AutoPay एक्टिव है, तो UPI ऐप्स में जाकर एक बार चेक करें कि सब वैध और सुरक्षित है या नहीं।
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