(www.hapurhulchul.com) दिल्ली | केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि देश में कुल टोल कलेक्शन में 10,000 करोड़ रुपये तक की वृद्धि हो सकती है | ग्लोबल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम पर आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह लागू होने पर ऐसा हो सकता है | आपको बता दें कि भारत में कुल टोल संग्रह सालाना आधार पर 35 प्रतिशत बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 64,809.86 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था |
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इस महीने की शुरुआत में एनएचएआई ने (Earlier this month, NHAI)
इस महीने की शुरुआत में एनएचएआई ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर उपग्रह-आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह के लिए दुनियाभर से प्रस्ताव मंगाए थे | भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) मौजूदा फास्टैग व्यवस्था के भीतर ही जीएनएसएस-आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (ईटीसी) प्रणाली को लागू करने की योजना बना रहा है | इसमें शुरुआत में हाइब्रिड मॉडल का उपयोग किया जाएगा, जहां आरएफआईडी-आधारित ईटीसी और जीएनएसएस-आधारित ईटीसी दोनों एक साथ काम करेंगे |
हाइवे निर्माण पूरा होने के लिए (Highway construction to be completed)
हाइवे निर्माण पूरा होने के लिए हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल को लचीला और बाजार-संचालित बनाया जा सकता है | फिलहाल एचएएम मॉडल के तहत सरकार डेवलपर को काम शुरू करने के लिए प्रोजेक्ट की लागत का 40 प्रतिशत हिस्सा मुहैया कराती है जबकि बाकी निवेश डेवलपर को करना होता है | अगर एचएएम मॉडल के तहत ठेकेदार प्रोजेक्स की लागत का 60 प्रतिशत से अधिक निवेश करने को तैयार है, तो भी सरकार को हमेशा 40 प्रतिशत हिस्सा क्यों देना चाहिए? राजमार्ग का निर्माण पूरा होना जरूरी है और ये प्रस्ताव बाजार-संचालित होने चाहिए | गडकरी ने यह भी सुझाव दिया कि राज्य परिवहन बसों को राजमार्गों पर टोल का भुगतान करने से छूट दी जानी चाहिए |
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