Radhakrishna boxer was driving from Tihar to Vashville :
दीपक बॉक्सर तिहाड़ जेल :
देश की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली तिहाड़ जेल के अंदर से दुनियाभर के गैरकानूनी काम हो रहे हैं. जेलर की नाक के नीचे यहां की चारदीवारी में बंद बड़े-बड़े अपराधी और खूंखार कैदी खुले आम जेल से अपना अपना रैकेट चला रहे हैं. ताजा खुलासे में नाम आया गैंगस्टर दीपक बॉक्सर का जो अपनी बैरक से ही एक्सटॉर्शन रैकेट चला रहा था. यही वजह है कि तिहाड़ जेल के प्रशासनिक अधिकारियों के दावों पर आए दिन सवाल उठते रहते हैं |
मैक्सिको से हुआ था प्रत्यर्पण :
गैंगस्टर दीपक ‘बॉक्सर’, जिसे पिछले साल मैक्सिको से प्रत्यर्पित किया गया था. भारत आने के बाद उसे तिहाड़ जेल भेजा गया. भारत आकर भी ये चुप नहीं बैठा. वो जेल से ही जबरन वसूली का रैकेट चला रहा था. वो अपनी हर डील के लिए मोबाइल फोन से लोगों को धमकाता था. पुलिस सूत्रों ने बताया कि जेल के बाहर एक सहयोगी द्वारा दिए गए विदेशी सिम कार्ड का यूज करके फोन के जरिये दिल्ली के व्यवसायियों को धमकाता था, पुलिस के राडार से बचने के लिए बॉक्सर अक्सर कॉन्फ्रेंस कॉल करता था |
गैंग में नाबालिगों की भर्ती :
दिल्ली पुलिस को अपनी जांच के दौरान पता चला कि बॉक्सर का गैंग, इंस्टाग्राम के जरिए किशोरों को गैंग में भर्ती करने और हथियारों का इंतजाम करने का वादा करके जोड़ा जाता था. फिर धीरे धीरे उन्हें ट्रेनिंग देकर वसूली की रकम न देनें वालों पर हमले कराता था |