
कानपुर- हाईवे पर अंधा कट बना ‘मौत का जाल’, एक साल में 13 लोगों की गई जान
कानपुर। जीटी रोड स्थित नारामऊ ब्लैक स्पॉट पर मंगलवार को एक बार फिर भीषण सड़क हादसा हुआ, जिसमें दो शिक्षिकाओं समेत तीन लोगों की मौत हो गई। इस हादसे ने फिर साबित कर दिया कि छह लेन के हाईवे पर मौजूद यह ‘अंधा कट’ एक गंभीर खतरा बना हुआ है, जहां सालभर में 13 लोगों की जान जा चुकी है।
यह इलाका अधिकारियों द्वारा पहले ही ब्लैक स्पॉट घोषित किया जा चुका है, लेकिन इसके बावजूद न तो संकेतक लगाए गए हैं, न ब्रेकर, और न ही कोई ट्रैफिक नियंत्रण उपाय। एनएचएआई और पीडब्ल्यूडी जैसे जिम्मेदार विभागों की आपसी तालमेल की कमी का खामियाजा सीधे राहगीरों को भुगतना पड़ रहा है।
लगातार हो रहे हादसे
-
14 अक्तूबर, 2023: भौंती ब्लैक स्पॉट पर हादसे में 5 लोगों की मौत, जिनमें 4 इंजीनियरिंग छात्र थे।
-
अप्रैल 2025: नारामऊ में हुए ताजा हादसे में 3 की मौत, 2 घायल।
कुल मिलाकर, पिछले 12 महीनों में 11 गंभीर सड़क दुर्घटनाएं, और 13 मौतें इसी क्षेत्र में हो चुकी हैं। इसके बावजूद, शहर के 20 ब्लैक स्पॉटों में से एक पर भी सुधार कार्य शुरू नहीं हो सका है।
प्रशासन की निष्क्रियता
नारामऊ कट पर कोई चेतावनी संकेतक नहीं, न ही सड़क डिवाइडर पर रिफ्लेक्टर या स्पीड ब्रेकर। हाईवे पर तेज रफ्तार से गुजरते वाहनों और अचानक कट पार करने वालों के लिए यह जगह मौत का फंदा बन चुकी है।
[banner id="981"]