मैथ्यू सावोई (कनाडा): आईटी डेवलपर, जिन्होंने सनातन को अपनाया।
सनातन धर्म की ओर आकर्षण:
दीक्षा लेने वालों ने साझा किया कि सनातन धर्म की सरलता और जीवन की गहरी समझ उन्हें भारत खींच लाई।
सनातन की विशेषता यह है कि यह जीवन पद्धति आप पर कुछ थोपती नहीं और इसे अपनाने में किसी बाध्यता का अनुभव नहीं होता।
विदेशी श्रद्धालुओं ने “ऊं नमः शिवाय” की धुन पर नृत्य और गीत के माध्यम से अपनी खुशी व्यक्त की।
जगद्गुरु साईं मां लक्ष्मी देवी का संदेश:
उन्होंने कहा कि सनातन धर्म हजारों साल पुरानी परंपरा है और वर्तमान तनावग्रस्त जीवन शैली में यह युवाओं और लोगों को सही राह दिखाने में सक्षम है।
शक्तिधाम शिविर में अब तक 200 से अधिक विदेशी श्रद्धालु गुरु दीक्षा ले चुके हैं।
अन्य प्रमुख दीक्षा प्राप्तकर्ता:
कनाडा में चिकित्सक आंद्रे अनात।
संयुक्त राज्य अमेरिका में ऊर्जा के क्षेत्र में काम करने वाली जेनी मिलर।
बेल्जियम में स्वास्थ्य एवं सुरक्षा सलाहकार क्रिस्टेल डी कैट।
महत्व:
महाकुंभ 2025 ने न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के लोगों को सनातन धर्म के मूल्यों और जीवन दर्शन से जोड़ने का एक मंच प्रदान किया है। विभिन्न देशों और पेशों से आए श्रद्धालुओं का गुरु दीक्षा लेना, यह दिखाता है कि सनातन धर्म का आकर्षण सीमाओं से परे है। यह आयोजन भारत की आध्यात्मिक शक्ति और इसकी सार्वभौमिक अपील का प्रमाण है।