हापुड़ में अवैध प्लॉटिंग मिट्टी में मिली, लोगों को झांसे में लेकर बेच रहे थे प्लॉट
Illegal plotting found in Hapur, plots were being sold by deceiving people
हापुड़ में अवैध प्लॉटिंग का धंधा तेजी से चल रहा है, जहां कृषि भूमि को नियमों को नजरअंदाज करते हुए आवासीय प्लॉटों में तब्दील कर लोगों को बेचा जा रहा है। हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण (एचपीडीए) ने इस पर सख्त कार्रवाई करते हुए कई जगहों पर अवैध प्लॉटिंग को ध्वस्त किया है।
अवैध प्लॉटिंग का modus operandi:
कृषि भूमि की खरीद:
कॉलोनाइजर किसानों से कृषि भूमि खरीदते हैं।
बिना अनुमति के भूखंडों को छोटे-छोटे प्लॉट में काटकर बेचा जाता है।
झांसे में लेना:
सड़कों का निर्माण और बिजली के खंभे लगाकर कॉलोनी को वैध दिखाने की कोशिश की जाती है।
अप्रूव्ड कॉलोनी होने का झूठा दावा करके प्लॉट बेचे जाते हैं।
काले धन का निवेश:
अवैध प्लॉटिंग में बड़े पैमाने पर काले धन का उपयोग हो रहा है।
एचपीडीए की कार्रवाई:
ततारपुर बाईपास:
10,000 वर्ग मीटर में संजीव त्यागी, कुजू व्यागी, और अशोक त्यागी द्वारा की गई अवैध प्लॉटिंग ध्वस्त।
मंसूरपुर बाईपास:
6,000 वर्ग मीटर में पवन ठाकुर की अवैध प्लॉटिंग।
लोदीपुर:
4,200 वर्ग मीटर में जपकरण पुत्र मेप सिंह द्वारा अवैध प्लॉटिंग।
राष्ट्रीय राजमार्ग-9:
12,000 वर्ग मीटर में अरविंद, अजय, और मास्टर हरिओम की अवैध प्लॉटिंग।
कार्रवाई के दौरान उपस्थिति:
प्रभारी प्रवर्तन सुभाष चंद्र चौबे।
अवर अभियंता जितेंद्र नाथ दुबे।
एचपीडीए का सचल दस्ता और पुलिस बल।
दलालों की सक्रियता:
किसान कोल्ड स्टोरेज के पास अवैध प्लॉटिंग का धंधा अभी भी जारी है।
दलाल बिना लैंड कंवर्ज़न के ही सौदे करवाने में लगे हैं।
प्राधिकरण की चेतावनी:
एचपीडीए ने स्पष्ट कर दिया है कि अवैध प्लॉटिंग के खिलाफ अभियान जारी रहेगा, और ऐसी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
महत्व:
यह कार्रवाई अवैध कॉलोनियों में निवेश करने वाले लोगों को जागरूक करेगी।
कानून-व्यवस्था बनाए रखने और अवैध निर्माण पर रोक लगाने में मदद मिलेगी।
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