
हापुड़, 3 मई 2025 – शुक्रवार को हुई बारिश ने जिला विपणन विभाग की लापरवाही की पोल खोल दी। नवीन मंडी स्थित सरकारी क्रय केंद्र पर खुले में रखे गेहूं के 50 कट्टे पूरी तरह भीग गए। किसानों से खरीदे गए इस अनाज को ढकने की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, गेहूं की खरीद के बाद कर्मचारी कट्टे भरकर चले गए थे और उन्हें तिरपाल से ढकना जरूरी नहीं समझा। बारिश शुरू होने के दो घंटे बाद कर्मचारी मौके पर पहुंचे और आनन-फानन में कट्टों को तिरपाल से ढका गया। तब तक अधिकांश गेहूं भीग चुका था।
बाद में इन कट्टों को एफसीआई (भारतीय खाद्य निगम) भेज दिया गया, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या इस भीगे अनाज की गुणवत्ता बरकरार रह पाएगी?
गौरतलब है कि जिले में इस समय 30 से अधिक क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीद चल रही है, लेकिन व्यवस्था में भारी लापरवाही सामने आ रही है। किसानों का कहना है कि यदि समय रहते प्रशासन ने कदम नहीं उठाया, तो ऐसे नुकसान का सीधा असर किसानों और सरकारी भंडारण प्रणाली दोनों पर पड़ेगा।
प्रश्न उठते हैं:
जिम्मेदार कर्मचारी पर कार्रवाई कब होगी?
क्या भीगे गेहूं को एफसीआई द्वारा स्वीकार किया जाएगा?
भविष्य में ऐसी लापरवाही रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे?
यदि आप चाहें, तो मैं इसे एक औपचारिक शिकायती पत्र के रूप में भी तैयार कर सकता हूँ, जिसे जिला प्रशासन, खाद्य विभाग या कृषि मंत्रालय को भेजा जा सकता है। क्या आप ऐसा चाहते हैं?