

प्रयागराज महाकुंभ 2025 में शाही स्नान के दौरान चर्चा में आईं भोपाल की हर्षा रिछारिया की कहानी ने सनातन परंपरा और उनके व्यक्तिगत संघर्ष को केंद्र में ला दिया है। उनके शाही स्नान और उससे जुड़े विवादों के बीच उनकी मां किरण रिछारिया ने अमर उजाला से खास बातचीत में हर्षा के बचपन, सपनों, और साध्वी बनने की प्रक्रिया से जुड़े कई राज खोले।
2004 में उज्जैन सिंहस्थ कुंभ:
हर्षा के शिव भक्ति पर मां का समर्थन:
फॉलोअर्स बढ़ाने के आरोप:
साधु-संतों के सवाल:
हर्षा के शाही स्नान और साध्वी बनने की कहानी सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह भारतीय परंपरा और सनातन संस्कृति के प्रति उनके समर्पण को भी दर्शाती है।
उनकी मां की बातों से यह स्पष्ट होता है कि हर्षा का सफर साध्वी बनने की दिशा में एक प्रेरणादायक उदाहरण है, जो यह बताता है कि आत्मा की आवाज और सच्ची श्रद्धा के आगे किसी आलोचना का महत्व नहीं।
निष्कर्ष:
हर्षा का यह कदम उनके शिव भक्ति और साध्वी बनने की यात्रा का हिस्सा है। उनका संघर्ष और समर्पण यह दर्शाता है कि धर्म, निष्ठा, और आध्यात्मिकता की राह कभी आसान नहीं होती, लेकिन दृढ़ संकल्प के साथ इसे पूरा किया जा सकता है।