Mahakumbh-‘विदेशों में भी सनातन और हिंदुत्व का वैभव हर कोई शांति खोज रहा’ खास बातचीत में बोलीं जगद्गुरु
Mahakumbh-‘The splendor of Sanatan and Hinduism is visible even in foreign countries, everyone is looking for peace’, said Jagadguru in a special conversation
महाकुंभ के दौरान सनातन धर्म और हिंदुत्व के वैश्विक प्रभाव पर चर्चा करते हुए अमेरिका निवासी जगद्गुरु साईं मां लक्ष्मी देवी ने अपनी दृष्टि साझा की। मॉरीशस में जन्मी, फ्रांस में पली-बढ़ी, और सत्य साईं बाबा की शिष्या बनीं साईं मां लक्ष्मी देवी ने सनातन धर्म के प्रति विदेशियों की बढ़ती रुचि और उनकी आश्रम की गतिविधियों पर प्रकाश डाला।
सनातन धर्म का वैश्विक प्रभाव
साईं मां लक्ष्मी देवी ने कहा, “आज पूरी दुनिया में सनातन और हिंदुत्व का वैभव दिख रहा है। हर कोई शांति की तलाश में है।”
उनके अनुसार, कई देशों से लोग उनके आश्रम में आकर दीक्षा ले रहे हैं और सनातन धर्म के आधार पर अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
आश्रम में अमेरिका, फ्रांस, जापान, ऑस्ट्रेलिया, और यूरोप के अन्य देशों से आए साधु-संत सक्रिय हैं, जिनमें नौ महामंडलेश्वर भी शामिल हैं।
युद्ध और शांति पर विचार
जगद्गुरु ने देशों के बीच शक्ति प्रदर्शन और हथियारों की होड़ पर चिंता व्यक्त की।
उन्होंने कहा, “जब तक हथियारों का निर्माण नहीं रुकेगा, युद्ध भी नहीं रुकेंगे।”
धर्म और अध्यात्म को उन्होंने शांति की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
धर्म और विवादों पर राय
अमृत स्नान के दौरान विवाद:
जब उनसे अमृत स्नान के दौरान एक संत के रथ पर एंकर के जाने पर विवाद के बारे में पूछा गया, उन्होंने कहा: “यह आत्मा के परिवर्तन की बात है। अगर कोई धर्म और अध्यात्म की ओर आ रहा है, तो इसमें बुराई क्या है? हमें धर्म के लिए आगे आना चाहिए।”
हिंदू और वर्ण व्यवस्था:
जगद्गुरु ने जाति और वर्ण व्यवस्था पर हो रही बहस पर कहा: “हम सब ईश्वर की संतान हैं। आश्रम में किसी की जाति नहीं पूछी जाती। हर कोई ईश्वर की वंदना और योग करना चाहता है।”
सनातन बोर्ड की आवश्यकता
साईं मां लक्ष्मी देवी ने भारत में सनातन बोर्ड की स्थापना को आवश्यक बताया।
उन्होंने कहा, “सनातनियों के देश में सनातन बोर्ड होना चाहिए। हमारे पूजा-पाठ और अनुष्ठान बहुत प्रभावी हैं।”
उन्होंने सुनामी आपदा का उदाहरण देते हुए कहा कि ब्राह्मणों द्वारा विदेशों में अनुष्ठान कराने का सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला।
सनातन धर्म का संदेश
जगद्गुरु साईं मां लक्ष्मी देवी ने जोर देकर कहा कि सनातन धर्म का उद्देश्य मानवता को जोड़ना, शांति और समृद्धि प्रदान करना है। उन्होंने कहा: “धर्म, जाति या देश की सीमाओं से परे, हर आत्मा शांति की तलाश में है, और सनातन धर्म उन्हें यह शांति प्रदान करने में सक्षम है।”
निष्कर्ष
जगद्गुरु साईं मां लक्ष्मी देवी की बातें इस बात की पुष्टि करती हैं कि महाकुंभ न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह सनातन धर्म और उसकी सार्वभौमिकता का वैश्विक मंच भी है। उनका संदेश सभी को प्रेरित करता है कि वे शांति और अध्यात्म के इस संदेश को आगे बढ़ाएं।