परिषदीय स्कूल में आयोजित हुई सगाई का मामला: प्रधानाध्यापक को होगा नोटिस जारी
Engagement case held in council school: Notice will be issued to the headmaster
हापुड़ के बहादुरगढ़ क्षेत्र के गांव पसवाड़ा में सरकारी विद्यालय में सगाई समारोह का आयोजन शासनादेश और नियमों की स्पष्ट अनदेखी को दर्शाता है। यह घटना न केवल विद्यालयों में शिक्षा की प्राथमिकता को नजरअंदाज करती है, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और अनुशासनहीनता पर भी सवाल उठाती है।
मामले का विवरण:
स्थान: सरकारी परिषदीय विद्यालय, गांव पसवाड़ा।
घटना: 15 जनवरी को विद्यालय में सगाई समारोह आयोजित कर विद्यालय परिसर को बैंकट हॉल और धर्मशाला में तब्दील कर दिया गया।
प्रभाव: छात्रों की शिक्षा बाधित हुई और विद्यालय की गरिमा को ठेस पहुंची।
शासनादेश: परिषदीय विद्यालयों में विवाह, सगाई, तेरहवीं जैसे कार्यक्रमों पर पूरी तरह से रोक है।
जांच और कार्रवाई:
शिकायत: मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ऋतु तोमर ने तुरंत जांच के आदेश दिए।
खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ): पंकज कुमार ने बताया कि प्रधानाध्यापक को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा।
दोषी के खिलाफ कार्रवाई: जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासनिक लापरवाही और सवाल:
विद्यालय को निजी समारोह के लिए कैसे उपयोग करने दिया गया?
स्थानीय प्रशासन और प्रधानाध्यापक की भूमिका पर सवाल खड़े होते हैं।
क्या ऐसी घटनाएं पहले भी हुई हैं लेकिन सामने नहीं आ पाई हैं?
संभावित समाधान:
सख्त कार्रवाई: दोषियों के खिलाफ सख्त प्रशासनिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
नियंत्रण और निगरानी: परिषदीय विद्यालयों की गतिविधियों पर सख्त निगरानी रखने के लिए नियमित निरीक्षण किया जाए।
जागरूकता: प्रधानाध्यापकों और विद्यालय कर्मचारियों को शासनादेश और नियमों की जानकारी और पालन के लिए जागरूक किया जाए।
पुनरुद्धार: विद्यालय की गरिमा और छात्रों के लिए वातावरण को पुनः सकारात्मक बनाने के प्रयास किए जाएं।
निष्कर्ष:
यह घटना शासनादेशों और शिक्षा प्रणाली की गंभीरता को कमजोर करने का प्रयास है। प्रशासन को इसे उदाहरण बनाते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में विद्यालय शिक्षा के लिए ही समर्पित रहें और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।