प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में आयोजित महाकुंभ के पहले दिव्य अमृत स्नान के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ ने प्रशासनिक व्यवस्था को हिला दिया। तड़के सुबह छह बजे जैसे ही महानिर्वाणी अखाड़े के संत संगम नोज के लिए निकलते, संगम के अपर मार्ग पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। इस दौरान करीब 80 लाख श्रद्धालु संगम की ओर बढ़ चुके थे, जिनमें से कई श्रद्धालु निर्धारित मार्ग की बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ गए।
हालात ऐसे बने कि टावर नंबर वन के पास स्थित मोड़ से लेकर संगम नोज तक कम से कम 10 जगहों से बैरिकेडिंग श्रद्धालुओं ने तोड़ दी। प्रशासन के सारे प्रयास निष्फल साबित हो गए और भीड़ को रोकने के लिए लगाए गए सुरक्षा इंतजाम भी विफल हो गए। आईटीबीपी के जवानों ने एक-दूसरे का सहारा लेकर स्थिति को संभाला, लेकिन श्रद्धालुओं का जनसैलाब लगातार बढ़ता ही जा रहा था।
श्रद्धालुओं ने संगम नोज पर पहुंचकर स्नान किया और साधु-संतों के चरण स्पर्श भी किए। साधु-संतों ने भी उन्हें निराश नहीं किया और आशीर्वाद देकर श्रद्धालुओं को संतुष्ट किया। इस दौरान घुड़सवार पुलिस बल ने स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन हालात इतने बिगड़ चुके थे कि बैरिकेडिंग को तोड़कर लोग सीधे संगम नोज पर पहुंच गए।
मकर संक्रांति के पावन पर्व पर उमड़ी श्रद्धालुओं की इतनी विशाल भीड़, प्रशासन के सारे सुरक्षा इंतजामों को पीछे छोड़ गई। स्थानीय प्रशासन और पुलिस कर्मियों की पूरी कोशिशों के बावजूद श्रद्धालुओं की संख्या नियंत्रित नहीं हो सकी, और संगम नोज पर स्थिति पर काबू पाने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई।