कानपुर समेत उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है, जहां स्क्रैप कारोबार के नाम पर कई फर्जी फर्में चला कर करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी की जा रही थी। इस मामले की जानकारी डीजीजीआई (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस) को मिली और उन्होंने कार्रवाई शुरू की।
डीजीजीआई की टीम ने जब इन फर्मों के पते पर छापेमारी की, तो वहां पर स्क्रैप कारोबार के बजाय अन्य प्रकार के व्यवसाय जैसे मेडिकल स्टोर, आटा चक्की, और कुछ मामलों में तो फर्जी किरायेदारी अनुबंध भी पाए गए। इन फर्मों के रजिस्ट्रेशन के लिए जीएसटी पोर्टल पर फर्जी दस्तावेज अपलोड किए गए थे।
अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन मामले की जांच जारी है और और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। छापेमारी में कई दस्तावेज़, जैसे इनवॉयस, ई-वे बिल, और जीएसटी रिटर्न की तैयारी से संबंधित सामग्री मिली है।
डीजीजीआई के अधिकारियों का कहना है कि ये फर्में न केवल टैक्स चोरी कर रही थीं, बल्कि इन फर्मों के जरिए अवैध कारोबार को भी बढ़ावा दिया जा रहा था। इस कार्रवाई में 14 ठिकानों पर छापेमारी की गई, जिसमें कानपुर, उन्नाव, फतेहपुर, लखनऊ और आसपास के क्षेत्रों के पते शामिल थे।
इस मामले में जांच-पड़ताल जारी है, और अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।