अतीक ने बिल्डर से कहा था- मुझसे जेल में आकर मिलो, आखिरी बार समझा रहा हूं
माफिया अतीक अहमद ने अपने करीबी बिल्डर मोहम्मद मुस्लिम खान को साबरमती जेल से पांच करोड़ रुपये देने के लिए धमकाया था। दावा है कि उसने व्हाट्सएप के जरिए बिल्डर को मैसेज किया था कि मेरे बेटे उमर का हिसाब कर दो। पुलिस अधिकारी हालांकि इन व्हाट्सएप संदेशों की सत्यता की पुष्टि नहीं कर रहे हैं।
सोशल मीडिया में वायरल व्हाट्सएप चैट के स्क्रीन शॉट में अतीक कथित तौर पर बिल्डर से कह रहा है, ‘मैं अभी मरा नहीं हूं। मुझसे जेल में आकर मिलो। मेरे बेटे न डॉक्टर बनेंगे, न ही वकील। ज्यादा ईडी-ईडी मत करो। अभी तुम्हारे घर पर ईडी ने छापा नहीं मारा है। तुम्हारा कोई पैसा सीज नहीं किया गया है।
उमर और असद तुमसे पैसा लेने आएंगे। मुझे इलेक्शन के लिए पैसों की जरूरत है। हमारा जो पैसा है, उसे तुरंत दे दो। वो इस वक्त हमारे बहुत काम आएगा। शायद आपकी तरफ से ध्यान हट जाए। आपको आखिरी बार समझा रहा हूं। बहुत जल्दी सारे हालात बदल रहे हैं। मैंने सब्र कर लिया है।
बहुत जल्दी सबका हिसाब शुरू कर दूंगा। जहां तक आपका घर है, कोई मारने लायक नहीं है। लेकिन मैं एक वादा कर रहा हूं आपसे। अच्छे मुस्लिम और मुस्लिम का ससुर मार खाएंगे। कम लफ्जों में ज्यादा समझ लो।’
वहीं एक और मैसेज में अतीक ने लिखा कि मुस्लिम साहब, पूरे इलाहाबाद में बहुतों ने हमसे फायदा उठाया, लेकिन सबसे ज्यादा तुम्हारे घर ने उठाया। आज……(अपशब्द) लोग हमारे खिलाफ एफआईआर लिखा रहे हैं। पुलिस की शह पर काम कर रहे हैं।
पुलिस ने शह देना बंद कर दिया तो फिर क्या होगा….। सूत्रों के मुताबिक बिल्डर मोहम्मद मुस्लिम प्रयागराज का रहने वाला है। अतीक के डर से वह लखनऊ में बस गया था। अतीक के बार-बार धमकाने पर उसने उमेश पाल हत्याकांड से पहले शाइस्ता को 80 लाख रुपये भेजे थे।
इसी तरह मंगलवार को सोशल मीडिया पर दो ऑडियो भी वायरल हुए। इनमें अतीक का बेटा असद बिल्डर को बार-बार जेल या कोर्ट आकर मिलने को कह रहा है। वह बिल्डर के घर पर जाने और दरवाजा न खुलने पर नाराजगी जताता हुआ भी सुनाई दे रहा है। वहीं बिल्डर उसे बार-बार समझाने का प्रयास कर रहा है।
वहीं, माफिया अतीक अहमद ने साबरमती जेल में बंद गुजरात और मुंबई के कुछ कारोबारियों के साथ पार्टनरशिप की थी। एक्सपोर्ट का कारोबार करने वाली इन व्यापारियों की कंपनियों में अतीक ने अपराध जगत से अर्जित काली कमाई को निवेश किया था।
वह अपने तीनों बेटों को कंपनियों में निदेशक बनाने की भूमिका भी बना रहा था। उमेश पाल हत्याकांड के बाद जब एसटीएफ ने साबरमती जेल में नजर रखनी शुरू की तो उसके हाथ इस पार्टनरशिप के पुख्ता सुराग लग गए। जेल से की गयी अतीक की कुछ फोन कॉल्स से भी इसकी पुष्टि हुई है।अतीक ने राजस्थान में भी कुछ लोगों के साथ कियथा निवेश
एसटीएफ के सूत्रों की मानें तो अतीक अहमद के एक दर्जन से ज्यादा गुर्गे अहमदाबाद और साबरमती में ठिकाना बनाए थे। अतीक और इन गुर्गों का सारा खर्च मुंबई और गुजरात के कारोबारी उठाते थे जिसकी वजह से वह प्रयागराज से पैसा नहीं मंगवाता था। एसटीएफ को ये भी पता चला है कि अतीक ने राजस्थान में भी कुछ लोगों के साथ अपनी काली कमाई को निवेश किया था।
एसटीएफ इन व्यापारियों के बारे में छानबीन कर रही है। अतीक जेल से ही प्रयागराज के व्यापारियों और बिल्डरों को भी धमकाता था। शाइस्ता को मेयर का चुनाव लड़ने के लिए बसपा का टिकट मिलने के बाद धमकियों का सिलसिला बढ़ता जा रहा था। ये रकम एक बैंक खाते में भी मंगवाई जाती थी। इसके भी पुख्ता सुराग एसटीएफ को मिल चुके हैं।