12th फेल’ के आईपीएस रियल हीरो मनोज शर्मा की कहानी
The story of IPS real hero Manoj Sharma of 12th fail
‘हारा वहीं जो लड़ा नहीं’… 12वीं फेल फिल्म के रियल हीरो आईपीएस मनोज शर्मा की कहानी कुछ ऐसी ही है। गरीबी की भट्टी में तपकर निकले आईपीएस मनोज शर्मा पर 12th फेल फिल्म आई है। फिल्म को लेकर काफी चर्चा है। कैसे अपने सपने को पूरा करने के लिए 12वीं में फेल होने के बाद भी एक लड़का हार नहीं मानता है और अपनी मेहनत से आगे चलकर यूपीएससी क्रैक करता है। आईपीएस मनोज शर्मा के संघर्ष की कहानी को समझने और जानने के लिए टीम मुरैना स्थित बिलगवां गांव पहुंची।
एक ऐसी ही कहानी है चंबल के लाल आईपीएस मनोज शर्मा की। मनोज शर्मा मुरैना जिले के बिलगवां गांव के रहने वाले हैं। 12वीं में फेल होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी है। मनोज के सामने शुरुआत के दिनों में दोहरी चुनौतियां थीं। आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए मनोज ने दिल्ली में बड़े लोगों के कुत्ते टहलाए लेकिन पढ़ाई जारी रखी। अब वह लोग उन्हेंन आईपीएस मनोज शर्मा के नाम से जानते हैं। अभी वह महाराष्ट्र पुलिस में एडिशनल कमिश्नर के पद पर तैनात हैं।
जीवन में संघर्ष करके आईपीएस बने
मुरैना जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर आईपीएस मनोज शर्मा कां गांव है, जिसे सभी लोग बिलगवां चौधरी के नाम से जानते हैं। यह गांव भी अन्य गांव की तरह सामान्य हुआ करता था एक शख्स के चलते गांव आज पूरे देश में ट्रेंड कर रहा है। करण इसी गांव में रहने वाले एक व्यक्ति ने जीवन में संघर्ष करके आईपीएस बने। उन्होंने सफलता के साथ अपने मुकाम और मोहब्बत दोनों ही हासिल की।
घर के बाहर की गली में कुछ बच्चे और एक बुजुर्ग महिला के साथ खेल रहे थे। जब हमने उनसे पूछा कि मनोज जो बड़े पुलिस अधिकारी बन गए हैं, उनका घर यही है। बुजुर्ग महिला बेहद खुश होकर बोली हां, इसी घर में वो पैदा हुआ था, मैं उसकी ताई हूं। वो मेरा बच्चा है
उनके ताऊ जी से मुलाकात
गांव में पहुंचने के बाद टीम आईपीएस अफसर मनोज शर्मा के घर में पहुंची। वहां उनके ताऊ जी से मुलाकात हुई । घर सिर्फ बाहर ही नहीं ऐतिहासिक हवेलीनुमा घर था , अंदर से भी बहुत पुरानी हवेली थी । पुराने जमाने की हवेली जैसी दिखती है। घर के भीतर मनोज के ताऊ रमेश राजौरिया से मुलाकात हुई। उन्होंने बताया कि मनोज मेरे छोटे भाई का बेटा है। इसी घर में वो खेला करता था। वह क्रिकेट बहुत खेलता था।
ताई ने बताया कि मनोज बेहद सीधा था
उनकी ताई ने बताया कि मनोज बेहद सीधा था। दोस्त यारों के साथ भैंस चराने भी जाता था। 12वीं में फेल होने के बाद वह ग्वालियर चले गए थे। ताई ने बताया की जितनी मुझे जानकारी है, किसी लड़की से दोस्ती हुई, प्यार हुआ और उन्हीं के साथ पढ़ाई लिखाई करते-करते अधिकारी बन गए और शादी कर ली। मनोज की ताई ने बताया कि मनोज ने जिसके साथ शादी की है। उनका नाम श्रद्धा है। वह जब भी गांव में आती है तो ग्रामीणों के बीच काफी घुल मिल जाती हैं। अधिकारी होने के बावजूद भी वह अपने रिश्तेदारों से बाकायदा गला मिलकर मिलती हैं। उनकी सादगी लोगों का मन मोह लेती है।
मनोज शर्मा के पड़ोसी ने बताया
आईपीएस अफसर मनोज शर्मा के पड़ोसी ने बताया कि जब मनोज का मन अपने घर में नहीं लगता था या खाना अच्छा नहीं बनता था तो वह उनके घर पर आ जाते थे। उन्होंने बताया कि मनोज के परिवार से उनके घनिष्ठ संबंध हैं। वहीं, गांव की युवाओं की माने तो यह बहुत गर्व की बात है। गांव का कोई व्यक्ति इतने बड़े पद पर है। हम सभी लोग तैयारी करते हैं। हर किसी के सपने तो पूरे नहीं होते लेकिन सफलता पाने के लिए सभी में अब और भी अधिक उत्साह रहता है।