जन्मास्टमी पर्व क्या है महत्व और क्यों मनाया जाता है
What is the significance of Janmastami festival and why is it celebrated?
जन्माष्टमी (Janmashtami) एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है जो भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के अवसर पर मनाया जाता है। इस त्योहार को हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की आष्टमी तिथि को मनाया जाता है, जो भारतीय कैलेंडर के अनुसार जुलाई और अगस्त के बीच होती है।
जन्माष्टमी का महत्व:
भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के अवसर पर मनाने का यह त्योहार हिन्दू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है। श्रीकृष्ण भगवान के अवतारों में से एक माने जाते हैं और उन्होंने भगवद गीता के माध्यम से मानवता को ज्ञान और मार्गदर्शन प्रदान किया।
इस त्योहार के दौरान, भक्त भगवान श्रीकृष्ण के मूर्ति या प्रतिमा की पूजा करते हैं और उनके जन्म के अवसर पर भजन-कीर्तन करते हैं।
जन्माष्टमी की रात, जन्माष्टमी की कहानियाँ और लीलाएँ सुनाई जाती हैं, जो भगवान श्रीकृष्ण की बचपन की बातें और उनके अद्वितीय लीलाओं के बारे में होती हैं।
जन्माष्टमी के दिन भगवान के मूर्तियों को बच्चों के साथ खेलने का अवसर भी होता है।
इस त्योहार पर रासलीला (कृष्ण के गोपियों के साथ नृत्य) भी आयोजित की जाती है, जिसमें भक्त भगवान की भक्ति और प्रेम का प्रतीक दिखाते हैं।
जन्माष्टमी के दिन व्रत, पूजा, दान, और सेवा करने का महत्व है, और यह भक्तों को अच्छे कर्मों के प्रति प्रोत्साहित करता है।
जन्माष्टमी के त्योहार का मुख्य उद्देश्य भगवान श्रीकृष्ण के जीवन और उनके उपदेशों को याद करना और उनके प्रेम और भक्ति के माध्यम से दिव्यता की ओर बढ़ना है। यह त्योहार हिन्दू समाज में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है और भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक अनुभव होता है।
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