हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण हुए हादसों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 31 हो गई है। भूस्खलन और बाढ़ के कारण लगभग 1,300 सड़कें बंद हैं जबकि 40 बड़े पुल जमींदोज हो गए हैं। अकेले कुल्लू के सैंज क्षेत्र में भारी बारिश के कारण आए तेज बहाव में लगभग 40 दुकानें और 30 मकान बह गए हैं। हालांकि इन तमाम दुस्वारियों के बीच जिंदगी थमी नहीं है।
लोग अपने जरूरी रश्म रिवाजों को भी निभा रहे हैं। ऐसी ही एक अच्छी खबर शिमला के कोटगढ़ से सामने आई। बताया जाता है कि कोटगढ़ के आशीष सिंघा को कुल्लू के भुंटर में रहने वाली शिवानी ठाकुर से शादी करने के लिए बारात ले जानी थी, लेकिन जब खराब मौसम और सड़कें बंद होने के कारण ऐसा करना असंभव हो गया तो परिजनों ने एक युक्ति निकाली।
प्रशासन ने फंसे हुए लोगों से हौसला बनाए रखने की अपील की है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को कसोल, मणिकरण, खीर गंगा और पुलगा क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि भारी बारिश के कारण राज्य में एक भी पंचायत क्षेत्र ऐसा नहीं है जहां सड़कें और जलापूर्ति योजनाएं क्षतिग्रस्त नहीं हुई हों। भारी बारिश को देखते हुए सूबे के सरकारी स्कूलों को 15 जुलाई तक के लिए बंद रखा गया है। राज्य लोक सेवा आयोग ने खराब मौसम के मद्देनजर हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा प्रतियोगी (प्रारंभिक) परीक्षा को अब 20 अगस्त को आयोजित करने की घोषणा की है।
वर और कन्या पक्ष के लोगों ने वीडियो कांफ्रेस के जरिये विवाह कराने का फैसला किया। ठियोग विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने मंगलवार को बताया कि कुल्लू जिला हालिया त्रासदी का केंद्र था। लिहाजा परिवार के सदस्यों ने विवाह ऑनलाइन कराने का फैसला लिया। सरकार ने लोगों को यात्रा नहीं करने की सलाह दी थी, लिहाजा वीडियो कांफ्रेस के जरिए विवाह कार्यक्रम संपन्न कराया गया।
राज्य की कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सतवंत अटवाल ने बताया कि सूबे में बीते तीन दिनों में हुई भारी बारिश के कारण 31 लोगों की मौत हुई है। लाहौल और स्पीति जिले के चंद्रताल में 250 जबकि सिस्सू में 300 और मंडी जिले के कुछ हिस्सों में 300 पर्यटक फंसे हुए हैं। लाहौल और स्पीति जिले में चंद्रताल झील क्षेत्र में फंसे पर्यटकों को निकालने के लिए भेजे गए एयर फोर्स के एक हेलीकॉप्टर को खराब मौसम के कारण वापस लौटना पड़ा है। लाहौल के चंद्रताल और पागल नाला तथा मंडी के विभिन्न हिस्सों में अब भी करीब 800 लोग फंसे हुए हैं।