हापुड़ जिले में गाय के गोबर से बनेगा हर्बल पेंट
हापुड़। निराश्रित पशुओं का संरक्षण कर जिले में चलाई जा रही गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की पहल शुरू हुई है। इन गोशालाओं से पांच रुपये किलो की दर से गोबर खरीदकर, यहां स्थापित मशीन से हर्बल पेंट तैयार होगा। मुनाफे का 10 फीसदी लाभांश भी गोशालाओं को दिया जाएगा। डीएसएस, लोक भारती और खादी ग्रामोद्योग के इस प्रोजेक्ट को पशुपालन विभाग से साझा किया गया है, सीडीओ कार्यालय से सहमति होनी है। जिले में स्थायी गोशालाओं के साथ ही अस्थाई गोशालाएं बनाई गई हैं।
डीएसएस कंपनी जो पेंट बनाती है
गोवंशों के संरक्षण और भरण पोषण के लिए शासन से करीब 30 रुपये प्रति पशु मिलते हैं। इतने पैसे में भूसा भी उपलब्ध करा पाना आसान नहीं है। इन गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की पहल होती रही हैं, लेकिन अभी तक रिजल्ट खास नहीं मिल सका है। अब खादी ग्रामोद्योग और लोक भारती ने प्लान तैयार किया है, यह प्लान हर घर में प्रयोग होने वाले पेंट से जुड़ा है। डीएसएस कंपनी जो पेंट बनाती है, उसे इसमें शामिल किया गया है।
पांच रुपये प्रति किलोग्राम की दर से
सीवीओ कार्यालय में डीएसएस और लोक भारती के पश्चिमी उत्तर प्रदेश हेड अजय राठी ने बैठक की। इसमें पूरे प्लान को साझा किया। उन्होंने बताया कि चिन्हित गोशालाओं में स्वयं सहायता समूहों को अनुदान पर पेंट बनाने की मशीन स्थापित कर दी जाएगी। गोशाला में जितना गोबर होगा, उसे पांच रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदा जाएगा। इससे गोवंशों के भरण पोषण में सहायता मिलेगी, साथ ही मुनाफा का दस फीसदी भी गोशालाओं का होगा।