हापुड़ नगरपालिका की खुली पोल बारिश की बजह से जलभराव

हापुड़ नगरपालिका की खुली पोल बारिश की बजह से जलभराव
रिपोर्ट: हापुड़ हलचल संवाददाता
हापुड़ शहर में हुई कुछ ही देर की बारिश ने नगर पालिका के दावों और व्यवस्थाओं की असलियत को उजागर कर दिया। शहर की अधिकांश गलियां, मोहल्ले और मुख्य सड़कें जलमग्न हो गईं। लोगों को पैदल चलना तो दूर, घरों से बाहर निकलना तक मुश्किल हो गया।
मुख्य समस्याएं जो उजागर हुईं:
1. नालियों की सफाई में लापरवाही:
नगर पालिका की ओर से नालियों की नियमित सफाई नहीं की जाती, जिससे बारिश का पानी नालियों में समा ही नहीं पाता और सड़कों पर भर जाता है।
2. निकासी व्यवस्था की कमी:
शहर में बारिश के पानी की निकासी के लिए पर्याप्त नालों या ड्रेनेज सिस्टम की कमी है। परिणामस्वरूप, बरसात होते ही पूरा शहर तालाब बन जाता है।
3. अपर्याप्त संसाधन और तकनीकी तंत्र:
नगर पालिका के पास जलभराव की समस्या से निपटने के लिए न तो जरूरी मशीनें हैं और न ही प्रशिक्षित कर्मचारी।
समाधान के लिए नागरिकों की मांग:
1. नियमित सफाई अभियान:
नागरिकों ने नगर पालिका से साप्ताहिक सफाई की मांग की है, विशेषकर बारिश से पहले की तैयारी सुनिश्चित करने की।
2. जल निकासी तंत्र को आधुनिक बनाया जाए:
शहर में नए सीवर और पानी के बहाव के लिए वैकल्पिक रास्ते बनाए जाएं, ताकि जलजमाव ना हो।
3. नगर पालिका को जवाबदेह बनाया जाए:
स्थानीय निवासियों का कहना है कि
“हर साल यही हाल होता है, बारिश आते ही सड़कों पर चलना मुश्किल हो जाता है। आखिर इसका जिम्मेदार कौन है?”
मैदान से दृश्य:
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स्कूल जाते बच्चों के जूते पानी में बहते नजर आए।
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व्यापारियों की दुकानें जलभराव से प्रभावित हुईं।
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बाइक और साइकिल सवार गिरते-पड़ते दिखे।
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निचले इलाकों के घरों में बरसाती पानी घुस गया, जिससे घरेलू सामान बर्बाद हो गया।
निष्कर्ष:
हर साल की तरह इस बार भी बारिश ने हापुड़ की नगर पालिका की तैयारियों की पोल खोल दी है। जब तक
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जवाबदेही तय नहीं होगी,
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योजनाएं सिर्फ फाइलों तक सीमित रहेंगी,
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और जनता की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया जाएगा,
तब तक यह समस्या हर सावन की स्थायी परेशानी बनी रहेगी।
हापुड़ हलचल जनता की आवाज को प्रशासन तक पहुंचाता रहेगा।