हापुड़- लेखपाल सुभाष मीणा की मौत से प्रशासनिक महकमे में शोक, डीएम ने दिए जांच के आदेश

हापुड़- लेखपाल सुभाष मीणा की मौत से प्रशासनिक महकमे में शोक, डीएम ने दिए जांच के आदेश
हापुड़
धौलाना तहसील में तैनात लेखपाल सुभाष मीणा की मौत से पूरे प्रशासनिक तंत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। बुधवार को तहसील परिसर में बेहोशी की हालत में मिले सुभाष का इलाज गाजियाबाद के एक निजी अस्पताल में चल रहा था, जहां गुरुवार को उनकी मौत हो गई।
परिजनों ने आरोप लगाया है कि सुभाष मानसिक तनाव से जूझ रहे थे और शिकायतें व विभागीय दबाव इस मौत के लिए जिम्मेदार हैं।
अंतिम क्षणों तक तनाव में रहे लेखपाल:
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सुभाष मीणा को पूर्व में जनचौपाल के दौरान एक शिकायत के आधार पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।
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जिलाधिकारी ने बताया कि उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए समय दिया गया था, लेकिन इससे पहले ही उन्होंने कठोर कदम उठा लिया।
डीएम अभिषेक पांडेय का बयान:
“हमने घटना को गंभीरता से लिया है। परिजनों ने जो आरोप लगाए हैं, उनकी जांच कराई जाएगी।
यदि कोई अधिकारी, कर्मचारी या शिकायतकर्ता दोषी पाया गया तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।“
डीएम ने परिजनों को हरसंभव सहायता का आश्वासन भी दिया है और कहा कि प्राथमिकता के आधार पर निष्पक्ष जांच कराई जाएगी।
परिजनों का गंभीर आरोप:
परिवार ने आरोप लगाया कि
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शिकायतकर्ता ने लेखपाल पर की गई शिकायत वापस लेने के बदले पैसे की मांग की थी।
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इस बात को लेकर सुभाष तनाव में थे और ड्यूटी पर जाने से भी हिचक रहे थे।
प्रशासन ने जताई संवेदना:
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लेखपाल संघ, तहसील के अधिकारी और कर्मचारी भी शोक संतप्त हैं।
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कई अधिकारियों ने घटना को “व्यवस्था की विफलता” बताते हुए मानसिक स्वास्थ्य को लेकर सजगता की मांग की है।
क्या होगी जांच के बिंदु?
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शिकायत की सत्यता
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विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया और व्यवहार
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शिकायतकर्ता द्वारा धन की मांग का आरोप
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सुभाष मीणा के मानसिक स्थिति के बारे में साथियों और परिजनों के बयान
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चिकित्सा रिपोर्ट और घटनाक्रम की समयरेखा
व्यापक संदेश:
यह घटना सिर्फ एक सरकारी कर्मचारी की मौत नहीं, बल्कि व्यवस्था में मौजूद संवेदनहीनता और मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी का भी प्रतीक है।
जांच पारदर्शी होनी चाहिए ताकि दोषियों को सजा और पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।