
हापुड़, 23 मई — उत्तर प्रदेश का प्राचीन तीर्थ बृजघाट, जिसे मिनी हरिद्वार के नाम से जाना जाता है, इस समय अवैध अतिक्रमण की चपेट में है। आगामी 5 जून को होने वाले ज्येष्ठ गंगा दशहरा मेले के आयोजन के लिए यह स्थिति प्रशासन और श्रद्धालुओं—दोनों के लिए बड़ी चुनौती बन गई है।
शिव चौक व मुख्य बाजार: सड़कें फुटपाथ विक्रेताओं और स्थायी दुकानदारों के अवैध कब्जों से संकरी हो गई हैं।
गंगा घाट: गंगा किनारे के घाटों पर अस्थायी दुकानें और ढाबों ने धार्मिक स्थल का स्वरूप बदल दिया है।
पार्किंग स्थल: होटल और चाय दुकानदारों ने पार्किंग क्षेत्र पर कब्जा कर वाहनों की ठहराव क्षमता को घटा दिया है।
शमशान घाट और गली-मोहल्ले: अतिक्रमण के कारण पैदल चलना भी कठिन हो गया है।
गंगा दशहरा पर लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। संकुचित रास्ते, अव्यवस्थित पार्किंग और घाटों की दुर्दशा किसी भी समय अफरा-तफरी और भगदड़ का कारण बन सकती है।
तत्काल अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाए।
श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए साफ-सुथरे मार्ग और खुला घाट उपलब्ध कराया जाए।
मेले से पहले स्थाई निगरानी टीम गठित की जाए।
प्रशासन व पुलिस के लिए यह न सिर्फ एक प्रबंधन की कसौटी है, बल्कि आस्था और जन सुरक्षा का भी सवाल है। यदि समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो यह पवित्र स्थल श्रद्धालुओं के लिए संकट का कारण बन सकता है।
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