
मेरठ-14 मीटर चौड़ा होगा बिजली बंबा बाईपास, किसानों के इंकार के बाद रजबहे के ऊपर बनेगी सड़क
मेरठ में बिजली बंबा बाईपास को 14 मीटर चौड़ा करने की योजना बनाई गई है ताकि शहर के भीषण ट्रैफिक जाम से राहत मिल सके। पहले इस सड़क को चौड़ा करने के लिए किसानों से जमीन अधिग्रहण करने की कोशिश की गई थी, लेकिन वे जमीन देने को तैयार नहीं हुए। इसके बाद अब रजबहे के ऊपर वायाडक्ट बनाकर सड़क चौड़ी करने का नया प्रस्ताव तैयार किया गया है।
योजना में बदलाव क्यों हुआ?
शुरुआती योजना: मेडा (मेरठ विकास प्राधिकरण) ने बंबे के दूसरी ओर सड़क बनाने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन 500 से ज्यादा किसानों को नोटिस देने के बावजूद अधिकांश ने जमीन देने से इंकार कर दिया।
किसानों को मुआवजे के बदले एफएआर (फ्लोर एरिया रेश्यो) में छूट देने की पेशकश की गई, जिससे वे अपने भवनों में अतिरिक्त निर्माण कर सकते थे, लेकिन यह योजना सफल नहीं हुई।
अब नया प्लान रजबहे के ऊपर वायाडक्ट बनाकर सड़क चौड़ा करने का बनाया गया है।
क्यों जरूरी है बाईपास चौड़ा करना?
दिल्ली रोड पर रैपिड रेल कॉरिडोर निर्माण के कारण जाम की समस्या बढ़ गई है।
हापुड़ रोड और दिल्ली रोड को जोड़ने वाला यह बाईपास पहले 35-40 हजार वाहनों का भार झेलता था, जो अब 90 हजार तक पहुंच गया है।
7.5 किमी लंबे इस मार्ग पर वर्तमान में सड़क की चौड़ाई केवल 7 मीटर है, जिसे 14 मीटर तक बढ़ाने का लक्ष्य है।
क्या होगा नए प्रस्ताव में?
रजबहे के ऊपर वायाडक्ट बनाकर सड़क बनाई जाएगी, जिससे सड़क चौड़ी हो जाएगी और किसानों की जमीन भी नहीं लेनी पड़ेगी।
बीच-बीच में सफाई के लिए चेंबर जैसी व्यवस्था की जाएगी, ताकि रजबहे का रखरखाव हो सके।
सिंचाई विभाग से इस प्रस्ताव को मंजूरी दिलाने के लिए शासन स्तर पर पैरवी जारी है।
पहले भी बना था प्रस्ताव
2012-13 में भी इस बाईपास को चौड़ा करने के लिए एक योजना बनी थी, जिसमें रजबहे को पाटकर ह्यूज पाइप डालने का सुझाव था।
लेकिन सिंचाई विभाग ने यह कहते हुए इसे रोक दिया कि इससे खेतों में सिंचाई प्रभावित होगी और रजबहे का स्वामित्व छोड़ने से इंकार कर दिया।
अब प्राधिकरण एक नया प्रस्ताव तैयार कर रहा है, जिसे शासन से मंजूरी मिलने के बाद जल्द लागू किया जाएगा।
ट्रैफिक समस्या का स्थायी समाधान?
अगर यह योजना सफल होती है, तो बिजली बंबा बाईपास को शहर की “लाइफलाइन” कहा जाएगा, क्योंकि यह हापुड़ रोड और दिल्ली रोड के ट्रैफिक को आसानी से संभाल सकेगा। प्रशासन का दावा है कि इससे जाम से राहत मिलेगी और दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी।
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