

यह हापुड़ के किसानों के लिए राहत की खबर है कि आलू भंडारण शुल्क नहीं बढ़ेगा। भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के प्रयासों और शीतगृह एसोसिएशन के साथ हुई बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया, जिससे किसानों को आर्थिक रूप से फायदा होगा।
आलू उत्पादन वाले क्षेत्रों में भंडारण शुल्क एक महत्वपूर्ण मुद्दा होता है, क्योंकि इससे किसानों की लागत और मुनाफे पर सीधा असर पड़ता है। हापुड़ में पिछले साल की दरें ही लागू रहने से किसानों को अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं उठाना पड़ेगा।
क्या आप जानना चाहेंगे कि इस फैसले का किसानों पर क्या असर पड़ेगा या इससे जुड़े किसी अन्य पहलू पर जानकारी चाहिए?