

यह मामला शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार और अनुकंपा नियुक्ति में अनियमितता को उजागर करता है। मृतक आश्रित को नौकरी दिलाने के नाम पर 2.30 लाख रुपये ठग लेना गंभीर अपराध है। पीड़ित की शिकायत के बाद अब डीआईओएस और संयुक्त शिक्षा निदेशक मेरठ स्तर पर जांच चल रही है।
अगर दोषी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो यह भविष्य में अन्य जरूरतमंद परिवारों के लिए भी परेशानी का सबब बन सकता है। प्रशासन को इस मामले में पारदर्शिता से जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि अन्य पीड़ितों को भी न्याय मिल सके।
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