

महाकुंभ में आम श्रद्धालुओं पर कड़े प्रतिबंध, वीआईपी के लिए खुली छूट!
आम श्रद्धालुओं की बाइक तक बंद, पैदल चलने के भी नियम सख्त।
पुलिस और प्रशासनिक गाड़ियों से रिश्तेदारों को मेले में पहुंचाया जा रहा।
एसडीएम, अपर आयुक्त और अन्य अधिकारियों की गाड़ियों का धड़ल्ले से इस्तेमाल।
सरकारी ही नहीं, प्राइवेट गाड़ियां भी हूटर और लाल-नीली बत्ती लगाकर दौड़ रहीं।
फुटेज में कई गाड़ियां कैद, जिनमें अधिकारियों के परिवार और खास लोग उतरे।
जब आम श्रद्धालुओं को बाइक ले जाने तक की इजाजत नहीं, तो प्रशासनिक गाड़ियों को क्यों छूट?
मुख्य स्नान पर्वों पर वीआईपी प्रोटोकॉल पर रोक के बावजूद ये खेल कैसे जारी?
मेले में अनुशासन और निष्पक्षता लागू करने के लिए प्रशासन क्या कदम उठाएगा?
महाकुंभ एक आध्यात्मिक आयोजन है, लेकिन वीआईपी कल्चर इसे सुविधा और असुविधा का खेल बना रहा है। प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए ताकि सभी श्रद्धालुओं को समान अवसर मिल सके!