

यह मामला दहेज उत्पीड़न और महिला के साथ अमानवीय व्यवहार का गंभीर उदाहरण है। पीड़िता की ओर से लगाए गए आरोप दहेज प्रथा और महिलाओं के खिलाफ हिंसा जैसी सामाजिक कुरीतियों को उजागर करते हैं।
मामले के मुख्य बिंदु:
शादी और दहेज: पीड़िता की शादी 10 फरवरी 2024 को गढ़ रोड निवासी युवक से हुई थी। शादी के समय 18 लाख रुपये का दहेज दिया गया, लेकिन पति और ससुराल पक्ष अतिरिक्त दहेज की मांग करते रहे, जिसमें कार और 2 लाख रुपये की मांग शामिल थी।
शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न: दहेज की मांग पूरी न होने पर आरोपियों ने महिला के साथ मारपीट की। आरोप है कि 3 अप्रैल को उसे बेरहमी से पीटा गया, और 4 अप्रैल को पति ने उसे मायके छोड़ दिया।
दुष्कर्म का प्रयास: 21 जुलाई को पीड़िता के देवर पर दुष्कर्म का प्रयास करने का आरोप है। इस बारे में शिकायत करने पर भी पति ने कोई कदम नहीं उठाया।
आर्थिक शोषण: पीड़िता के पिता से बार-बार पैसे की मांग की गई। इसके बाद भी ससुराल पक्ष का व्यवहार नहीं बदला, और पीड़िता को बार-बार प्रताड़ित किया गया।
पुलिस कार्रवाई: पीड़िता की शिकायत पर थाना बाबूगढ़ क्षेत्र के महिला थाने में पति, ससुर, सास, जेठ और देवर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अधीक्षक ज्ञानंजय सिंह ने निष्पक्ष जांच का भरोसा देते हुए कहा है कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
समाज के लिए संदेश: यह घटना दहेज प्रथा और घरेलू हिंसा जैसी समस्याओं की गंभीरता को रेखांकित करती है। ऐसे मामलों में पुलिस और प्रशासन को त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके। इसके साथ ही, समाज को भी इन कुरीतियों के खिलाफ जागरूक और संवेदनशील होना चाहिए।