

महाकुंभ मेला क्षेत्र के पास अवैध रूप से बनाई गई “जस्ट ए शिविर” नामक टेंट सिटी में आग लगने के बाद 24 घंटे से अधिक समय गुजरने के बावजूद जांच शुरू नहीं हो सकी है। इस टेंट सिटी में 15 लग्जरी कॉटेज जल गए थे, जो करीब ढाई महीने पहले बनाई गई थी। यह टेंट सिटी छतनाग गांव के पास स्थित थी, और इसमें विदेशी और देसी श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं उपलब्ध थीं। प्रत्येक कॉटेज में 25,000 से 35,000 रुपये के बीच शुल्क लिया जा रहा था।
अधिकारी इस अवैध निर्माण के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। टेंट सिटी के भीतर गीजर, गाड़ियां और अन्य आधुनिक सुविधाएं थीं, और यहां रहने वाले लोग संगम तक आने-जाने के लिए परिवहन सुविधा का उपयोग करते थे। हालांकि, यह स्थल मेला क्षेत्र से छह किलोमीटर दूर था, और मेला प्रशासन के अधिकारियों का कहना था कि इस टेंट सिटी का मेला प्रशासन से कोई लेना-देना नहीं था।
आग की घटना के बाद झूंसी पुलिस ने कहा कि इस टेंट सिटी को बनाने की कोई अनुमति नहीं दी गई थी, और यह अवैध है। वहीं, फूलपुर एसडीएम दिग्विजय सिंह और मेला प्रशासन के अधिकारियों का कहना था कि टेंट सिटी के निर्माण के बारे में जांच की जाएगी, लेकिन इस मामले में जांच शुरू करने में देरी हो रही है।