

हापुड़ में शिया मोहर्रम कमेटी द्वारा बुधवार को हजरत इमाम हुसैन के मदीने से कर्बला के सफर की याद में आयोजन किया गया। कोटा सादात स्थित इमामबाड़ा एजाज हुसैन में पहले मजलिस का आयोजन हुआ, जिसमें मौलाना सिब्ते हसन तुराबी ने तकरीर करते हुए हजरत इमाम हुसैन और उनके परिवार के बलिदान को याद किया।
इसके बाद, अमारी, जुलजनाह और अलम का जुलूस नगर की गलियों से निकाला गया, जिसमें “या हुसैन” की सदाएं गूंज रही थीं। इस अवसर पर मौलाना ने बताया कि हजरत मोहम्मद साहब की वफात के 50 साल बाद यजीद ने खिलाफत के तख्त पर अपना हक जता कर इमाम हुसैन से बैअत ली थी, लेकिन इमाम हुसैन ने उसे खलीफा मानने से मना कर दिया, जिसके कारण उन्हें अपने परिवार के साथ मदीना छोड़ना पड़ा।
यह जुलूस हुसैनियत और उनके संघर्ष की याद दिलाने के लिए आयोजित किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं ने गम और शोक का इजहार किया।