Maha kumbh 2025- कैसे बनते हैं अघोरी साधु और किसकी करते हैं साधना? जानिए कैसी होती है इनकी रहस्यमयी दुनिया
Maha Kumbh 2025- How do Aghori Sadhus become and whose worship do they do? Know what their mysterious world is like
महाकुंभ 2025 में प्रयागराज के संगम तट पर जहां लाखों श्रद्धालु और साधु-संत एकत्र हुए हैं, वहीं नागा साधुओं के साथ-साथ अघोरी साधु भी आकर्षण और रहस्य का केंद्र बने हुए हैं। अघोरी साधुओं का जीवन और उनकी साधना हिंदू धर्म में गहराई और रहस्यमयता से भरा हुआ है।
कैसे बनते हैं अघोरी साधु?
अघोरी साधु बनने की प्रक्रिया अत्यंत कठिन और साहसिक होती है। यह साधना जीवन और मृत्यु के बंधनों से परे होती है। अघोरी बनने के लिए किसी साधारण व्यक्ति को कई कठिन परीक्षाओं और तपस्याओं से गुजरना पड़ता है।
गुरु की दीक्षा: अघोरी साधु बनने के लिए पहले किसी अनुभवी अघोरी गुरु से दीक्षा लेनी होती है।
कठिन साधना: श्मशान भूमि में ध्यान, तपस्या और तंत्र साधना करना अघोरी साधु बनने की मुख्य प्रक्रिया होती है।
आत्म-संयम: साधक को निडर होकर जीवन और मृत्यु, पवित्रता और अपवित्रता, भय और मोह को त्यागना पड़ता है।
अंतिम परीक्षा: अंतिम चरण में साधक को अपनी जान दांव पर लगाकर गुरु द्वारा दी गई परीक्षा को पास करना होता है। यह परीक्षा साधक के मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक धैर्य की कसौटी होती है।
अघोरी साधु किसकी साधना करते हैं?
अघोरी साधु महादेव शिव के भक्त होते हैं। उन्हें शिव का रूप भी माना जाता है। वे:
श्मशान साधना: मृत्यु को ही जीवन का अंतिम सत्य मानते हैं और श्मशान में तप करते हैं।
तंत्र साधना: तंत्र-मंत्र और ध्यान के माध्यम से आत्मा और ब्रह्मांड के रहस्यों को जानने का प्रयास करते हैं।
निर्विकल्प ध्यान: उनका ध्यान सांसारिक बंधनों से मुक्त होकर “अद्वैत” (अहंकारहीनता) की प्राप्ति पर होता है।
अघोरी साधुओं का रहस्यमयी जीवन
श्मशान में निवास: अघोरी साधु श्मशान भूमि को अपना निवास स्थान मानते हैं। वे इसे पवित्र मानते हैं क्योंकि यहां जीवन और मृत्यु का संतुलन स्पष्ट रूप से दिखता है।
भय और मोह का त्याग: वे समाज द्वारा अस्वीकृत चीजों को अपनाते हैं, जैसे माला की जगह अस्थियों का उपयोग, भस्म (चिता की राख) लगाना और कपड़े त्यागना।
दुनिया के लिए रहस्य: उनकी साधना, खान-पान और जीवनशैली साधारण लोगों के लिए रहस्य और कभी-कभी भय का कारण बनती है।
महाकुंभ में अघोरी साधु और श्रद्धालु
महाकुंभ में अघोरी साधु अपने ज्ञान, साधना और रहस्यमय उपस्थिति से श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणा और जिज्ञासा का केंद्र हैं। वे जीवन और मृत्यु के बीच संतुलन और ब्रह्मांड के गूढ़ रहस्यों को समझने का प्रतीक माने जाते हैं।
अघोरी साधुओं का जीवन हमें सिखाता है कि साधना का असली अर्थ भय, मोह और सांसारिक बंधनों को त्याग कर आत्मज्ञान की प्राप्ति है। महाकुंभ जैसे आयोजन में इनका महत्व और भी बढ़ जाता है।