फर्जी हस्ताक्षर कर शासन को भेजी रिपोर्ट, पिलखुवा नगर पालिका का लिपिक चार्ज से हटाया गया

फर्जी हस्ताक्षर कर शासन को भेजी रिपोर्ट, पिलखुवा नगर पालिका का लिपिक चार्ज से हटाया गया
हापुड़। पिलखुवा नगर पालिका परिषद में अधिशासी अधिकारी (ईओ) के फर्जी हस्ताक्षर कर शासन को गुमराह करने वाली रिपोर्ट भेजने का गंभीर मामला सामने आया है। आरोप है कि वरिष्ठ लिपिक नवदीप सक्सेना ने अपने चहेते कर्मचारी के पक्ष में नियमविरुद्ध रिपोर्ट तैयार कर उसे शासन को भेज दिया, जिसमें ईओ के जाली हस्ताक्षर किए गए थे।
प्रकरण प्रकाश में आने के बाद ईओ ने नवदीप से ओएस (ऑफिस सुपरिंटेंडेंट) का कार्यभार वापस ले लिया है, और कर अधिकारी ऋचा श्रीवास्तव को नया चार्ज सौंपा गया है। मामले की जांच जारी है।
तीन कर्मचारियों की पदोन्नति बनी विवाद की जड़
हाल ही में नगर पालिका पिलखुवा में तीन कर्मचारियों—राजेश कुमार (माली से फिटर), हरिओम (लिपिक) और आनंद गोस्वामी (लिपिक)—की पदोन्नति की गई थी। इस पदोन्नति को लेकर कनिया कल्याणपुर के सामाजिक कार्यकर्ता अर्जुन गिल ने आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर जानकारी मांगी कि यह प्रोन्नति किस नियम और रिक्त पद के आधार पर की गई।
जांच समिति गठित, रिपोर्ट में छेड़छाड़
शिकायत को गंभीरता से लेते हुए ईओ इंद्रपाल सिंह और चेयरमैन विभु बंसल ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की, जिसमें वरिष्ठ लिपिक नवदीप सक्सेना, कर अधिकारी ऋचा श्रीवास्तव व सफाई निरीक्षक दीपक कुमार शामिल थे। तीन दिन के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी थी।
कमेटी की ओर से शुक्रवार को सौंपी गई रिपोर्ट में केवल दो कर्मचारियों की जानकारी थी, जबकि हरिओम की रिपोर्ट गायब थी। जांच में खुलासा हुआ कि नवदीप सक्सेना ने हरिओम के पक्ष में अलग से रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजी, जिसमें ईओ के फर्जी हस्ताक्षर कर दिए गए थे।
कार्रवाई जारी
ईओ द्वारा तुरंत कार्रवाई करते हुए नवदीप को कार्य प्रभारी पद से हटा दिया गया है। प्रारंभिक स्तर पर फर्जीवाड़े की पुष्टि हो चुकी है और अब इस पूरे मामले की विस्तृत जांच चल रही है।
सूत्रों के अनुसार, यदि जांच में दोष सिद्ध होता है तो आपराधिक मामला दर्ज किया जा सकता है, क्योंकि यह न केवल सेवा नियमों का उल्लंघन है, बल्कि शासकीय दस्तावेजों से छेड़छाड़ का गंभीर मामला भी है।