महाकुंभ 2025- सुविधाएं और सुरक्षा बढ़ी तो बढ़ गई तीर्थयात्रियों की संख्या, इतने फीसदी बढ़ा प्रदेश में पर्यटन
Maha Kumbh 2025- As facilities and security increased, the number of pilgrims increased, tourism in the state increased by this much percent
महाकुंभ 2025 ने धार्मिक पर्यटन और उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है। प्रयागराज महाकुंभ न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह सामाजिक, आर्थिक, और पर्यावरणीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बन गया है।
तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या और उसका प्रभाव:
2025 का महाकुंभ:
इस बार संगम में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के स्नान का अनुमान है, जो पिछले कुंभ मेलों की तुलना में ऐतिहासिक वृद्धि है।
12 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आर्थिक रूप से सक्षम वर्ग से होंगे, जिनमें देश-विदेश के उद्योगपति भी शामिल हैं।
वर्ष 2001 में जहां 7 करोड़ श्रद्धालु थे, वहीं 2019 में यह संख्या 24 करोड़ हो गई। 2025 में यह संख्या 40 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है।
आधारभूत ढांचे में सुधार:
पिछले दस वर्षों में कुंभ से जुड़े बुनियादी ढांचे और सुविधाओं पर खर्च में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
2001 में यह खर्च 1300 करोड़ रुपये था, जो 2025 में 7500 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
बेहतर सुविधाओं और प्रबंधन ने यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाया है, जिससे अधिक तीर्थयात्री आकर्षित हो रहे हैं।
आध्यात्मिक पर्यटन की वृद्धि:
15% वार्षिक वृद्धि दर:
आध्यात्मिक पर्यटन 15% की दर से बढ़ रहा है।
वैश्विक स्तर पर, वर्ष 2030 तक यह क्षेत्र 3200 मिलियन डॉलर का बाजार बन जाएगा, जिसमें उत्तर प्रदेश की बड़ी भागीदारी होगी।
अयोध्या, काशी, मथुरा और प्रयागराज जैसे धार्मिक केंद्रों की बढ़ती लोकप्रियता ने उत्तर प्रदेश को देश में धार्मिक पर्यटन का सबसे बड़ा केंद्र बना दिया है।
महाकुंभ और शोध:
वैश्विक रुचि:
कुंभ पर शोध कार्यों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
स्कोपस डाटाबेस के अनुसार, 2023-24 में कुंभ थीम पर 25 से अधिक शोध प्रकाशित हुए।
कुंभ का सामाजिक, आर्थिक, और पर्यावरणीय महत्व शोधकर्ताओं को आकर्षित कर रहा है।
महाकुंभ का सांस्कृतिक और आर्थिक महत्व:
नया नगर का दर्जा:
पहली बार, किसी धार्मिक आयोजन को “नया नगर” का दर्जा दिया गया है।
यह आयोजन उत्तर प्रदेश की संस्कृति और धार्मिक धरोहर को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का माध्यम बन रहा है।
पर्यटन का योगदान:
कुंभ से जुड़े ढांचागत निवेश और पर्यटक खर्च उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान दे रहे हैं।
निष्कर्ष:
महाकुंभ 2025 ने धार्मिक पर्यटन और सांस्कृतिक विरासत को सशक्त बनाने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश को वैश्विक मानचित्र पर स्थापित किया है। यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है, बल्कि आर्थिक और सामाजिक बदलावों का भी माध्यम बन रहा है। कुंभ से जुड़ी यह प्रगति भविष्य में प्रदेश की समृद्धि और पहचान को और सुदृढ़ करेगी।