आईटीसी, कोका-कोला, अडानी, रिलायंस, बिसलेरी मार्केटिंग के ‘महाकुंभ’ कैसे डुबकी लगा रही हैं कंपनियां
ITC, Coca-Cola, Adani, Reliance, Bisleri, how companies are taking the ‘Maha Kumbh’ of marketing.
प्रयागराज महाकुंभ न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है, बल्कि यह कंपनियों के लिए एक बड़ा मार्केटिंग अवसर भी बन गया है। 40 करोड़ श्रद्धालुओं के अनुमानित आगमन के साथ, यह आयोजन ब्रांडों के लिए अपने उत्पादों और सेवाओं को व्यापक दर्शकों तक पहुंचाने का एक अनूठा मंच है।
कंपनियों की रणनीतियां
शाही स्नान का केंद्र:
कंपनियां कुंभ मेले के छह शाही स्नानों के आसपास अपने प्रचार गतिविधियों को केंद्रित कर रही हैं। यह समय भारी भीड़ का होता है, जो उनके ब्रांड को ज्यादा लोगों तक पहुंचाने में मदद करता है।
सोशल मीडिया और इनफ्लुएंसर मार्केटिंग:
डिजिटल युग में सोशल मीडिया एक प्रमुख माध्यम बन गया है। कंपनियां अपने प्रचार अभियानों को ऑनलाइन बढ़ावा दे रही हैं। इसके अलावा, वे स्थानीय और क्षेत्रीय प्रभावशाली व्यक्तियों (इनफ्लुएंसर) का उपयोग कर श्रद्धालुओं से जुड़ने की कोशिश कर रही हैं।
स्थानीय सहभागिता:
आईटीसी, बिसलेरी, कोका-कोला, रिलायंस, और अडानी जैसी कंपनियां अपने ब्रांड को लोगों के जीवन से जोड़ने के लिए विशिष्ट गतिविधियां आयोजित कर रही हैं, जैसे:
फ्री सैंपल: बिसलेरी और कोका-कोला पानी और पेय पदार्थों के मुफ्त नमूने बांट रही हैं।
स्वच्छता अभियान: रिलायंस और अडानी समूह स्वच्छता और पर्यावरण सुरक्षा जैसे अभियानों में निवेश कर रहे हैं।
प्रेरक उपहार: आईटीसी अपने खाद्य उत्पादों और अन्य वस्तुओं को प्रचार के लिए उपयोग कर रहा है।
आकर्षक स्टॉल और ब्रांडिंग:
मेला स्थल पर कंपनियां बड़े स्टॉल और आकर्षक होर्डिंग्स के जरिए श्रद्धालुओं का ध्यान आकर्षित कर रही हैं।
सामुदायिक जुड़ाव:
कई ब्रांड “सेवा” के पहलुओं को उजागर करते हुए जरूरतमंदों की सहायता और धार्मिक गतिविधियों में योगदान कर रहे हैं, ताकि वे सांस्कृतिक जुड़ाव के साथ ब्रांड जागरूकता भी बढ़ा सकें।
कुंभ का आर्थिक प्रभाव
यह आयोजन सिर्फ श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक महत्व नहीं रखता, बल्कि क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देता है। होटल, परिवहन, खाद्य और पेय उत्पादों की मांग में भारी वृद्धि होती है, जिससे कंपनियों को बड़ा बाजार मिलता है।
चुनौती और अवसर
कुंभ जैसे आयोजनों में भीड़ प्रबंधन और स्थानीय स्तर पर लॉजिस्टिक्स एक चुनौती है। लेकिन जो ब्रांड इन कठिनाइयों को पार कर प्रभावी ढंग से अपने उत्पाद और सेवाएं प्रस्तुत करते हैं, वे न केवल अपनी बिक्री बढ़ाते हैं, बल्कि दीर्घकालिक उपभोक्ता जुड़ाव भी हासिल करते हैं।
कुल मिलाकर, कुंभ मेला भारतीय ब्रांडों के लिए एक ‘महाकुंभ’ साबित हो रहा है, जहां परंपरा और मार्केटिंग का अद्वितीय संगम देखने को मिलता है।