यूपी में किराये की कोख के लिए लखनऊ में पहला आवेदन, सीएमओ ने दी हरी झंडी
First application for surrogacy in UP in Lucknow, CMO gave green signal
किराये की कोख के लिए राजधानी लखनऊ के एक डॉक्टर ने आवेदन किया है। सीएमओ की कमेटी ने पड़ताल के बाद इसके लिए हरी झंडी भी दे दी है। हालांकि, इस पर अंतिम मुहर डीएम लगाएंगे। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का दावा है कि सरोगेसी अधिनियम-2021 लागू होने के बाद किराये की कोख के लिए आवेदन का प्रदेश में यह पहला मामला है।
सूत्रों के मुताबिक एक प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान के डॉक्टर ने किराये की कोख के लिए आवेदन किया है। इसमें डॉक्टर ने हवाला दिया है कि उनकी पत्नी गर्भधारण नहीं कर सकती है। लिहाजा सरोगेसी के लिए इजाजत दी जाए। नए नियम के तहत डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी की अनुमति के बाद ही आवेदन प्रक्रिया पूरी हो पाएगी।
उल्लेखनीय है कि अब सभी आईवीएफ सेंटर पर सरोगेसी अधिनियम-2021 लागू किया जा चुका है। पहले इन केंद्रों पर स्वास्थ्य विभाग का कोई खास दखल नहीं रहता था। ऐसे में ये मनमानी करते थे। शहर में 25 से अधिक आईवीएफ सेंटर हैं।
इन नियमों का करना होगा पालन
किराये की कोख के लिए रजामंदी देने वाली महिला का आवेदक का रिश्तेदार होना जरूरी है।
रिश्तेदार महिला विवाहित होनी चाहिए।
सरोगेट मां की उम्र 25 साल व उसका एक बेटा भी होना चाहिए।
…व्यवस्था इसलिए जरूरी
चोरी-छिपे किराये की कोख लेने के मामलों में बच्चे के कानूनी हक को लेकर समस्याएं खड़ी होती थीं। कानून के तहत किराये की कोख से जन्मे बच्चे को उसे अपनाने वाले माता-पिता से सारे अधिकार मिलते हैं।
आवेदन से पहले लेना होता है प्रमाणपत्र
किराये की कोख के लिए आवेदन से पहले मां नहीं बन पाने वाली महिला को जिला स्तर पर गठित मेडिकल बोर्ड से प्रमाणपत्र लेना होता है। डॉक्टरों की टीम जांच के बाद यह तय करती है कि महिला मां बनने लायक है या नहीं।
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