राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को उनके योगदान और सेवाओं के सम्मान में आजीवन वेतन देने का निर्णय लिया गया है। आचार्य सत्येंद्र दास ने 34 वर्षों तक मंदिर में पूजा-अर्चना का कार्यभार संभाला। बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य समस्याओं के कारण, रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने उन्हें कार्य से मुक्त करने का निवेदन किया है।

मुख्य बिंदु:
- आजीवन वेतन:
- ट्रस्ट ने निर्णय लिया है कि सत्येंद्र दास को अब जो वेतन मिलता है, वह आजीवन जारी रहेगा।
- उनका राम मंदिर में प्रवेश और पूजा-अर्चना जारी रखने की स्वतंत्रता बनी रहेगी।
- 34 वर्षों की सेवा:
- आचार्य सत्येंद्र दास ने 1989 से राम जन्मभूमि मंदिर में मुख्य पुजारी के रूप में सेवा दी।
- 1992 में उनका वेतन ₹100 प्रति माह था, जो वर्तमान में बढ़कर एक महत्वपूर्ण राशि हो गया है (सटीक आंकड़ा ट्रस्ट द्वारा साझा नहीं किया गया)।
- ट्रस्ट का निवेदन:
- 25 नवंबर 2024 को ट्रस्ट की बैठक में निर्णय लिया गया कि 87 वर्षीय पुजारी से सेवा से निवृत्ति का अनुरोध किया जाए।
- स्वास्थ्य और उम्र के कारण यह निर्णय लिया गया, लेकिन उनके योगदान का सम्मान करते हुए सभी आवश्यक सुविधाएं जारी रहेंगी।
- भविष्य की भूमिका:
- पुजारी के रूप में कार्य न करते हुए भी, सत्येंद्र दास मंदिर से जुड़े रहेंगे।
- उनके अनुभव और ज्ञान को ट्रस्ट और मंदिर के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
सत्येंद्र दास का योगदान:
राम जन्मभूमि मंदिर में सत्येंद्र दास का योगदान ऐतिहासिक और अटूट रहा है। उन्होंने मंदिर के महत्वपूर्ण समयों में सेवा दी, जब यह आंदोलन और निर्माण प्रक्रिया के बीच था। उनका सम्मान करना ट्रस्ट का एक सराहनीय कदम है।
यह निर्णय दिखाता है कि भारतीय संस्कृति में सेवा और समर्पण को किस प्रकार मान्यता और सम्मान दिया जाता है।