गाजियाबाद के मोदीनगर क्षेत्र में अवैध खनन को लेकर एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां ग्रामीणों का गुस्सा प्रशासन की निष्क्रियता पर फूट पड़ा है।
घटना का विवरण:
हरवीर सिंह, एक किसान, ने तहसील में शिकायत की कि उनके खेतों से मिट्टी का अवैध खनन हो रहा है।
खनन में शामिल लोग दबंग प्रवृत्ति के हैं और धमकियां दे रहे हैं।
हरवीर का कहना है कि इस खनन के कारण उनकी जमीन की उपजाऊ क्षमता खत्म हो रही है।
प्रशासन को कई बार शिकायतें दी गईं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
किसान का आरोप:
दबंगों ने पहले भी हरवीर सिंह पर हमला किया है।
खेतों को नुकसान पहुंचाने और मिट्टी चोरी करने का सिलसिला जारी है।
स्थानीय चौकी में शिकायत के बावजूद केवल एक सिपाही देखने आया, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
हरवीर सिंह का बयान:
“हमने कई बार शिकायत की है, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई। ये लोग खुलेआम हमारे खेतों से मिट्टी निकाल रहे हैं और विरोध करने पर धमकी देते हैं।”
अवैध खनन के प्रभाव:
1. कृषि भूमि की क्षति:
मिट्टी के खनन से खेतों की उपजाऊ क्षमता खत्म हो रही है।
2. ग्रामीणों की आजीविका पर असर:
उपजाऊ भूमि के नुकसान से किसानों की आय पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
3. कानून व्यवस्था की समस्या:
दबंगों का खुलेआम खनन करना और धमकी देना प्रशासन की विफलता को दर्शाता है।
जरूरी कदम:
1. प्रशासनिक कार्रवाई:
अवैध खनन में शामिल लोगों के खिलाफ तुरंत मामला दर्ज किया जाए।
स्थानीय पुलिस को जिम्मेदारी देकर निगरानी बढ़ाई जाए।
2. किसानों की सुरक्षा:
किसानों को सुरक्षा प्रदान की जाए और दबंगों की धमकियों पर सख्त कार्रवाई हो।
3. जांच और समाधान:
एक विशेष टीम बनाकर इस मामले की गहन जांच की जाए।
अवैध खनन रोकने के लिए कठोर कदम उठाए जाएं।
यह घटना किसानों की कठिनाइयों और प्रशासनिक उदासीनता की गंभीर तस्वीर पेश करती है। अवैध खनन पर त्वरित और ठोस कार्रवाई अत्यंत आवश्यक है।