जेवर एयरपोर्ट भारतीय एविएशन इतिहास का पहला अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट है, जिसे रिकॉर्ड समय में तैयार
जेवर एयरपोर्ट, जिसे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है, ने निर्माण और संचालन के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है। यह भारतीय एविएशन इतिहास का पहला अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट है, जिसे रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है।
प्रमुख उपलब्धियां
1. तेज़ निर्माण प्रक्रिया:
29 सितंबर 2021 को नोएडा एयरपोर्ट का अवार्ड मिला।
15 जून 2022 को निर्माण कार्य शुरू हुआ।
तीन साल के भीतर वैलिडेशन फ्लाइट लैंडिंग की तैयारी पूरी।
2. सुरक्षा और दक्षता:
निर्माण प्रक्रिया के दौरान कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई।
रनवे और टर्मिनल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग।
3. वैलिडेशन फ्लाइट की सफलता:
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारी फ्लाइट से पहुंचे।
रनवे पर विमान संचालन की हर तकनीकी बारीकी को रिकॉर्ड किया गया।
4. डिज़ाइन और विकास:
टर्मिनल का डिज़ाइन बनारस के घाटों की तर्ज पर बनाया गया है।
टर्मिनल बिल्डिंग लगभग तैयार है, जिसमें शीशे और टाइल्स का काम जनवरी 2024 तक पूरा हो जाएगा।
आगामी योजनाएं
मार्च 2024 तक एयरोड्रम लाइसेंस मिलने की संभावना।
अप्रैल 2024 से कॉमर्शियल विमान सेवाएं शुरू करने का लक्ष्य।
दूसरे चरण के लिए 1365 हेक्टेयर भूमि पर कार्य प्रारंभ होगा।
यह परियोजना उत्तर प्रदेश और भारत के लिए गर्व का विषय है। यह न केवल स्थानीय क्षेत्र को आर्थिक प्रोत्साहन देगा, बल्कि देश की एविएशन क्षमता को भी नई ऊंचाई देगा।